विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जब विस्तार से जांच की तो पता चला कि पाकिस्तान की एक पुरानी घटना को कुछ लोग भारत से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक बार फिर से 19 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक बाइक पर दो शख्स को एक बच्चे का मुंह बंदकर ले जाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर बच्चे की मदद करने की गुहार लगा रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जब विस्तार से जांच की तो पता चला कि पाकिस्तान की एक पुरानी घटना को कुछ लोग भारत से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। यह घटना पाकिस्तान में 2022 में हुई थी। इसका भारत से कोई संबंध नहीं है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
फेसबुक यूजर अखिलेश पांडेय ने एक वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “इस वीडियो को आगे भेजते रहो शायद किसी का बच्चा मिल जाए और अपहरणकर्ता पकड़े जायें मैं इसको आगे भेज रहा हूं और आप भी आगे भेजते रहो।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। फेसबुक के अलावा एक्स पर भी कुछ अन्य यूजर्स ने इस वीडयो को समान दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने बच्चे के अपहरण से जुड़ी वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से वायरल क्लिप के कई गैब्स निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर हमें एक खबर मिली। इस खबर को 23 सितंबर 2022 को पब्लिश किया गया था। खबर में वायरल वीडियो के ग्रैब का इस्तेमाल करते हुए बताया गया कि महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में बच्चे की अपहरण की अफवाह उड़ी थी। जब पुलिस ने जांच की तो सच्चाई सामने आई। इस खबर को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। यहां संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें एक पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल शेरी खान के अकाउंट पर वायरल तस्वीर मिली। 27 मई 2022 को ट्वीट करते हुए बताया गया कि इस बच्चे का पाकिस्तान के बहरिया टाउन से अपहरण किया गया था। तस्वीर में अल फजल मार्केट और बहरिया टाउन लिखा हुआ देखा जा सकता है।
इस ट्वीट के कमेंट बॉक्स में एक कमेंट में बताया गया कि बच्चा मिल गया है। इस तस्वीर को शेयर करना बंद कर दीजिए।
विश्वास न्यूज ने पिछले साल भी वायरल वीडियो की जांच की थी। उस दौरान पाकिस्तान के पत्रकार काशिफ लतीफ से संपर्क किया गया था। उन्होंने जानकारी देते हुए वीडियो को पाकिस्तान का बताया था। उन्होंने यह भी बताया था कि इस केस में कई लोगों को अरेस्ट किया गया था।
पिछली पड़ताल को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
अब बारी थी फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक यूजर अखिलेश पांडेय की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर को करीब छह हजार लोग फॉलो करते हैं। यह अकाउंट मार्च 2013 में बनाया गया था।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की जांच में यह साबित हुआ कि वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। पाकिस्तान में 2022 में हुए एक घटना से जुड़े वीडियो को कुछ लोग भारत में बच्चे का अपहरण समझकर वायरल कर रहे हैं।
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