Fact Check: स्टेडियम में वंदे मातरम गाती भीड़ का यह वीडियो पुराना है, गाबा मैच का नहीं

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि हाल का समझते हुए जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह एक पुराना वीडियो है। इसका ब्रिसबेन के गाबा में हुए मैच से कोई लेना-देना नहीं है। वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक क्रिकेट स्टेडियम के अंदर बहुत-से लोगों को हाथ में तिरंगा लिए वंदे मातरम गाते हुए देखा जा सकता है। अब इसी वीडियो को यूजर हाल ही में हुए इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन के गाबा मैच का बताते हुए शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने वीडियो की पड़ताल की और हमने पाया कि यह वीडियो दुबई के स्टेडियम का एक पुराना वीडियो है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ फैलाया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर, ”AK” ने 19 जनवरी को एक वीडियो शेयर किया, जिसमें स्टेडियम के अंदर नज़र आ रही भीड़ वंदे मातरम गा रही है। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, ”Nothing can match this. The emotion, passion, resilience and the magic #AUSvsIND #Gabbabreached”.

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए हमने वायरल वीडियो को सर्च करना शुरू किया। सबसे पहले वीडियो को इनविड टूल में डाल कर उसके की-फ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिए सर्च किया। सर्च में हमारे हाथ ‘Dylan Noel Saldanha’ नाम के यूट्यूब चैनल पर 24 सितंबर 2018 को अपलोड हुआ वायरल वीडियो मिला। वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा गया है, ”Thousands of Indians Singing in Unity in Dubai Cricket Stadium.”.

विश्वास न्यूज़ ने दैनिक जागरण के स्पोर्ट्स एडिटर अभिषेक त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्होंइने बताया कि यह वीडियो गाबा स्टेडियम का नहीं है। गाबा स्टेडियम दूसरी तरह दिखता है। वीडियो में नज़र आ रहे स्टेडियम स्ट्रक्चर को अगर देखे तो साफ़ पता चलता है की यह दुबई का रिंग ऑफ़ फायर की लाइटिंग स्टेडियम है।

गेट्टी इमेजेज पर दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की रिंग ऑफ़ फायर की तस्वीर मिली, जो वायरल वीडियो के स्टेडियम से मिलती हुई नज़र आयीं।

वीडियो को गाबा स्टेडियम का समझते हुए शेयर किया जा रहा है। हमने गेट्टी इमेजेज पर ब्रिसबेन के गाबा स्टेडियम की तस्वीरों को सर्च किया। गाबा स्टेडियम की फ्लड लाइट बाउंड्री का शेप वीडियो वाले स्टेडियम से काफी अलग नज़र आया।

वीडियो को फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर करने वाले ट्विटर यूजर AK की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 947 लोग फॉलो करते हैं और यह अकाउंट जुलाई 2016 में बनाया गया है। इसके अलावा यूजर के ज़रिये ज़्यादातर स्पोर्ट्स से जुड़ी पोस्ट शेयर की जाती हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि हाल का समझते हुए जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह एक पुराना वीडियो है। इसका ब्रिसबेन के गाबा में हुए मैच से कोई लेना-देना नहीं है। वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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