नई दिल्ली (विश्वास टीम)। विधानसभा चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के झूठ फैलाए जा रहे हैं। एक ऐसा झूठ गोधरा कांड को लेकर फैलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है एक तस्वीर के माध्यम से एक खास तबके की भावनाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है। तस्वीर के साथ गोधरा कांड को याद करने की बात की जा रही है। हालांकि, विश्वास टीम की जांच में ये तस्वीर फर्जी पाई गई। जली हुई लाशों की तस्वीर गुजरात की नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
Nation First #Saffron नाम के ट्विटर हैंडल से दो तस्वीरों के साथ भड़काऊ लाइन लिखी गई है। एक तस्वीर जलती हुई ट्रेन की है। दूसरी तस्वीर में जले हुए शव दिख रहे हैं ।
पड़ताल
जले हुए लोगों की तस्वीरों को जब हमने गूगल रिवर्स इमेज में डालकर सर्च किया तो पता चला कि इस तस्वीरों का पिछले कई सालों से गलत यूज हो रहा है। कभी बोको हरम के आतंक को दिखाने के लिए तो कभी रोहिंग्या मुसलमानों के नाम पर।
अब हमारे सामने चुनौती ये थी कि वास्तव में ये तस्वीर कब की है। गूगल रिवर्स इमेज के रिजल्ट के पेजों को स्कैन करते हुए हम आगे बढ़ते गए। लेकिन सभी लिंक किसी न किसी धर्म को बदनाम करने वाले ही मिले। इसके बाद हमने सबसे पुराना लिंक खोजने का प्रयास किया। यहां भी कुछ खास नहीं मिला। हमे सबसे पुराना लिंक 2012 का मिला। अब हमने टाइम फिल्टर का यूज करते हुए और पुराना लिंक खोजने का प्रयास किया।
2010 से लेकर 2012 का टाइम फिल्टर लगाकर जब हमने पुराना सर्च किया तो हमें 2010 का एक लिंक मिला। सबसे पुराना लिंक यही था।
जिस तस्वीर को गोधरा की बताकर वायरल किया जा रहा है, वो कांगो की निकली। 2010 में कांगो में एक गैस टैंकर में ब्लास्ट होने के कारण 220 लोग जलकर मर गए थे। तस्वीर उसी घटना की है। पुरानी खबरों के अनुसार, कांगो की राजधानी किन्शासा से लगभग 120 किलोमीटर दूर ये घटना हुई थी।
पूरा सच जानें…सब को बताएं
सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।