नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हिंदुस्तान के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक खूबसूरत लाइब्रेरी को दिखाया गया है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस लाइब्रेरी को अमेरिका की बताकर दावा कर रहे हैं कि वहां अंबेडकर के नाम पर दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय खोला गया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। दरअसल वायरल हो रहीं तस्वीरें चीन की एक लाइब्रेरी की है। इसका भीमराव अंबेडकर से कोई संबंध नहीं है, जैसा वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर आर्यन मेहता आप ने 16 दिसंबर को चार तस्वीरों को पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत देश के मसीहा डॉ .भीम राव अम्बेदकर जी के नाम अमेरिका ने खोला विश्व का सबसे बडा पुस्तकालय। नमस्ते अमेरिका। जय भीम जय भारत जय संविधान। धम्म प्रभात।।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी अलग-अलग प्लेटफार्म पर इसे वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की हकीकत जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च किया। हमें यह जानना था कि क्या अमेरिका में भीमराव अंबेडकर के नाम पर दुनिया की सबसे बड़ी कोई लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है। हमें गूगल सर्च से एक भी एक ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने गूगल लेंस टूल की मदद ली। इस टूल की मदद से वायरल तस्वीर को सर्च करने पर पता चला कि ये फोटो चीन की एक लाइब्रेरी की है। हमें कई वेबसाइट और यूट्यूब चैनलों पर फोटो से संबंधित तस्वीरें , वीडियो और जानकारी मिलीं। आर्चडेली नाम की एक वेबसाइट पर हमें असली तस्वीरें मिलीं। इसमें बताया गया कि यह चीन के तेनजिन की बिंहाई लाइब्रेरी की तस्वीरें हैं।
इस लाइब्रेरी का वीडियो हमें बिजनेस इनसाइडर के यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 10 मार्च 2018 को अपलोड किया गया था। इसे नीचे देख सकते हैं।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए देश के जाने-माने दलित चिंतक और कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने विश्वास न्यूज से बातचीत में कहा, “चीन की राजधानी बीजिंग में बनाई गई तेनजिन बिंहाई लाइब्रेरी को बाबा साहब अम्बेडकर के नाम पर अमेरिका में बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी लाईब्रेरी कह कर प्रचारित करना निश्चित रूप से झूठ फैलाने का काम है,बाबा साहब के नाम पर झूठी जानकारियाँ और झूठे तथ्य परोसना न केवल अनुचित कार्य है बल्कि लोगों को गुमराह करने की भी कोशिश है।”
अब बारी थी फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की। फेसबुक यूजर आर्यन मेहता आप की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यह मुंबई में रहता है। इसके करीब पांच हजार फेसबुक फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट झूठी साबित हुई। चीन की एक लाइब्रेरी की तस्वीरों को डॉक्टर भीम राव अंबेडकर से जोड़ते हुए अमेरिका की बताई जा रही है।
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