Fact Check : दक्षिण अफ्रीका के चीता ब्रीडिंग सेंटर का पुराना वीडियो फिर से राजस्थान का बताकर किया गया वायरल

वायरल वीडियो राजस्‍थान का नहीं, बल्कि साउथ अफ्रीका के चीता ब्रीडिंग सेंटर का है। इस वीडियो को 2019 में ब्रीडिंग सेंटर में बनाया गया था।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक इंसान को कुछ चीतों के साथ सोते हुए दिखाया गया है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो राजस्‍थान के एक मंदिर का है, जहां चीते का परिवार पुजारी के पास आकर सोता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी वायरल वीडियो की जांच की थी। दरअसल वायरल वीडियो राजस्‍थान का नहीं, बल्कि साउथ अफ्रीका के चीता ब्रीडिंग सेंटर का है। इस वीडियो को 2019 में ब्रीडिंग सेंटर में बनाया गया था।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज Tv27news Digital ने 9 अप्रैल को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “इस मंदिर में पुजारी के साथ सोता है चीतों का परिवार……बताया जाता है कि राजस्थान के सिरोही गांव में पिपलेश्वर महादेव का मंदिर है जहां पर रात को पुजारी के पास चीत्ते का परिवार आकर सोता है. सरकारी वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट को जब यह पता लगा तो उन्होंने वहां सीसी टीवी कैमरे लगाए. आप भी देखिए यह खूबसूरत दृश्य….”

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे यूजर्स फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और यूट्यूब पर भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वर्ष 2022 में वायरल वीडियो की पड़ताल कर चुका है। उस वक्‍त भी राजस्‍थान के दावे के साथ वीडियो को वायरल किया गया था। वायरल वीडियो का सच जानने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल की मदद ली गई थी। इनविड टूल में की मदद से कई वीडियो ग्रैब निकाल कर गूगल लेंस से सर्च किया गया।

विश्‍वास न्‍यूज को ऑरिजिनल वीडियो कई यूट्यूब चैनल पर मिला। 21 जनवरी 2019 को डॉल्‍फ सी वोल्‍कर नाम के एक यूट्यूब चैनल पर ऑरिजिनल वीडियो को पोस्‍ट किया गया था। इसमें बताया गया कि यह साउथ अफ्रीका के चीता ब्रीडिंग सेंटर का वीडियो है। स्‍पेशल परमिशन से उन्‍हें इन चीता के साथ रात गुजारने को मिली। ऑरिजिनल वीडियो की अवधि 6:45 मिनट की है। पूरा वीडियो यहां देखें।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच के अगले चरण में उदयपुर के वरिष्‍ठ पत्रकार सुभाष शर्मा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि वीडियो का राजस्‍थान से कोई संबंध नहीं है। यह फर्जी दावा है।

विश्‍वास न्‍यूज की पिछली पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। फेसबुक पेज Tv27news Digital की जांच से पता चला कि यह पेज भोपाल से संचालित होता है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राजस्‍थान के नाम से वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। दक्षिण अफ्रीका के एक ब्रीडिंग सेंटर के वीडियो को राजस्‍थान के मंदिर का बताकर झूठ फैलाया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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