Fact Check : 2012 की तस्‍वीर को एडिट करके भारतीय वायु सेना के नाम पर किया जा रहा है वायरल, पोस्‍ट फर्जी है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। 2012 की एक तस्‍वीर को मोर्फ्ड करके अब झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक लड़ाकू विमान की मोर्फ्ड तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि बालाकोट स्‍ट्राइक में पाकिस्‍तानियों के द्वारा 4 पेड़ और एक कौए के मारे जाने को स्‍वीकार करने के बाद भारतीय वायु सेना ने अपने विमान पर तीन पेड़ों और एक कौए की तस्‍वीर लगाई है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की। जांच में हमें पता चला कि भारतीय वायु सेना के विमान की एक पुरानी तस्‍वीर को एडिट करके झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। ओरिजनल तस्‍वीर 2012 की है। इसे ग्‍वालियर के एयरफोर्स स्‍टेशन पर क्लिक की गई थी।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक से लेकर ट्विटर तक पर भारतीय वायु सेना के एक लड़ाकू विमान की एडिटेड तस्‍वीर वायरल हो रही है। फेसबुक यूजर गोपाल शर्मा ने इस तस्‍वीर को शेयर करते हुए लिखा : ‘Admire the IAF sense of humour. They are trolling the Pakis for admitting that only 4 trees and one crow were the casualties in the Balakot Strike ….. Jai hind..’

इसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं है : ‘भारतीय वायुसेना का गजब का व्यंग्य। IAF बालाकोट स्ट्राइक में सिर्फ 4 पेड़ गिरने और एक कौए के मरने की बात स्वीकार करने वाले पाकिस्तान को ट्रोल कर रही है।’

वायरल पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। अलग-अलग कीवर्ड के माध्‍यम से यह ओरिजनल तस्‍वीर हमें zone5aviation.com नाम की एक वेबसाइट पर मिली। साइट की फोटोगैलरी में ओरिजनल तस्‍वीर के अलावा भी कई दूसरी तस्‍वीर भी मौजूद थीं। इन तस्‍वीरों को लेकर कैप्‍शन में बताया गया कि 2012 के अंत में ग्‍वालियर के महाराजपुर एयरफोर्स स्‍टेशन की ये तस्‍वीरे हैं। तस्‍वीरें मिराज 2000 की हैं। इसे दिल्‍ली के अंगद सिंह ने क्लिक की थी। फोटो गैलरी यहां देखें।

वायरल तस्‍वीर को लेकर विश्‍वास न्‍यूज ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि IAF कभी भी ऐसी कोई हरकत नहीं करता है, जैसा कि वायरल पोस्‍ट में बताया गया है।

पड़ताल के अंत में हमने उस यूजर के अकाउंट की, जिसने फेक पोस्‍ट को वायरल किया। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर गोपाल शर्मा दिल्‍ली के रहने वाले हैं। वैसे मूल रूप से वे हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के हैं। इनके अकाउंट को 340 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। 2012 की एक तस्‍वीर को मोर्फ्ड करके अब झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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