Vishvas News की पड़ताल में सामने आया कि वायरल दावा फर्जी है। यह 2005 में बना एक पैरोडी वीडियो था, जिसे वॉक्सवैगन कंपनी ने नहीं बनाया था। वॉक्सवैगन कंपनी ने इस वीडियो के साथ किये गए दावे का खंडन किया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे Volkswagen का विज्ञापन बताया जा रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति Volkswagen की कार में बैठता है और कार में बैठे-बैठे एक बटन दबाता है, जिससे कार के अंदर धमाका हो जाता है, लेकिन इसका असर कार के बाहर नहीं होता। अंत में Volkswagen के लोगो के साथ वीडियो खत्म हो जाता है। वीडियो के ज़रिये एक विशेष धर्म को निशाना बनाया गया है। पोस्ट में क्लेम किया जा रहा है कि यह वॉक्सवैगन का नया विज्ञापन है।
Vishvas News की पड़ताल में सामने आया कि वायरल दावा फर्जी है। यह 2005 में बना एक पैरोडी वीडियो था, जिसे Volkswagen कंपनी ने नहीं बनाया था। Volkswagen कंपनी ने इस वीडियो के साथ किये गए दावे का खंडन किया है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
एक व्यक्ति वॉक्सवैगन की कार में बैठता है और कार में बैठे-बैठे एक बटन दबाता है, जिससे कार के अंदर धमाका हो जाता है, लेकिन इसका असर कार के बाहर नहीं होता। अंत में Volkswagen के लोगो के साथ वीडियो खत्म हो जाता है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर लोग दावा कर रहे हैं “जर्मनी की ऑटोमोबाइल कंपनी वॉक्सवैगन ने इन शांति दूतों का जमकर मजाक उड़ाया है। शांतिदूत आतंकी वॉक्सवैगन की कार में बम लेकर ब्लास्ट करना चाहता है, लेकिन कार इतना मजबूत है कि ब्लास्ट नहीं होता। अगर ऐसा ऐड किसी भारतीय कंपनी ने बनाया होता तो अब तक इस्लाम खतरे में आ गया होता”
इस पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है
पड़ताल
वीडियो की जांच के लिए हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल पर डाला और इसके कीफ्रेम निकाले। अब हमने इन कीफ्रेमस को गूगल रिवर्स इमेज पर अपलोड किया। हमें ABC 10 News नाम के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला, जिसमें इस वीडियो की सच्चाई बताई गयी थी। इस वीडियो में बताया गया था कि यह वीडियो Volkswagen का विज्ञापन नहीं है, बल्कि एक पैरोडी वीडियो था, जिसे सालों पहले ‘Lee & Dan’ नाम की एक प्रोडक्शन हाउस ने बनाया था, जो पहले भी इस तरह के व्यंग्य विज्ञापन बनाती आई है।
हमें इस विवादास्पद वीडियो पर पर एक खबर theguardian.com पर भी मिली, जिसे 2005 में फाइल किया गया था। खबर के अनुसार, उस समय Volkswagenके प्रवक्ता ने इस बात को ख़ारिज किया था कि ये वीडियो Volkswagen का विज्ञापन है। साथ ही इस वीडियो को बनाने वाले Lee and Dan ने भी इस पर माफ़ी मांगी थी।
हमने इस विषय में वॉक्सवैगन से मेल पर संपर्क साधा। जवाब में वॉक्सवैगन ने कहा, “यह वीडियो वॉक्सवैगन का विज्ञापन नहीं है। इसका Volkswagen से कोई लेना-देना नहीं है। इस दावे का खंडन पहले भी किया जा चुका है।”
हमने उस प्रोफ़ाइल की सोशल स्कैनिंग की थी, जिसने वायरल वीडियो को साझा किया था। सुधीर श्रीवास्तव उर्फ सोनू @SonuSri795 नाम के ट्विटर हैंडल के 3,977 फ़ॉलोअर हैं।
निष्कर्ष: Vishvas News की पड़ताल में सामने आया कि वायरल दावा फर्जी है। यह 2005 में बना एक पैरोडी वीडियो था, जिसे वॉक्सवैगन कंपनी ने नहीं बनाया था। वॉक्सवैगन कंपनी ने इस वीडियो के साथ किये गए दावे का खंडन किया है।
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