Fact Check: आर्ट ऑफ़ लिविंग के मंगोलिया इवेंट को जापान का बता कर किया जा रहा है वायरल


नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को मंत्रों के उच्चारण के साथ योग करते देखा जा सकता है। पोस्ट में क्लेम किया गया है कि यह वीडियो जापान का है जहाँ लोग योग करने के साथ-साथ गायत्री मंत्र का उच्चारण कर रहे है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह वीडियो जापान का नहीं, बल्कि मंगोलिया का है।

CLAIM

वायरल पोस्ट में दवा किया गया है, “जपान में सूर्य नमस्कार और गायत्री मंत्र का विस्तार हो रहा है।” वायरल पोस्ट में कुछ लोगों को मंत्रों के उच्चारण के साथ योग करते देखा जा सकता है।

FACT CHECK

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस वीडियो को INVID टूल में डाला और इसके की- फ्रेम्स निकाले। इन स्क्रीनशॉट्स को हमने गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो हमारे हाथ एक वीडियो लगा जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वेरिफाइड यूट्यूब हैंडल से अपलोड किया गया था।  इस वीडियो को 17 मई 2015 को अपलोड किया गया था।

इस वीडियो का डिस्क्रिप्शन था, “17 मई, 2015 को मंगोलिया के उलानबटार में “आर्ट ऑफ़ लिविंग” द्वारा आयोजित सामुदायिक स्वागत और योग कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी।”

हमने ज़्यादा जानकारी के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग की स्पोकेसपर्सन लक्ष्मी मुरली से बात की जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यह वीडियो मंगोलिया में आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम का है न कि जापान का।

 इस पोस्ट को thehindutva.com नाम के एक फेसबुक पेज द्वारा पोस्ट किया गया था। इस पेज को 21,128 फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह वीडियो जापान का नहीं, बल्कि मंगोलिया का है। 17 मई, 2015 को मंगोलिया के उलानबटार में आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा आयोजित सामुदायिक स्वागत और योग कार्यक्रम के वीडियो को जापान का बता कर वायरल किया जा रहा है।

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Symbols that define nature of fake news
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