Fact Check : चीन का वीडियो थाईलैंड के नाम पर वायरल, सेंसर तकनीक से चलता है यह फाउंटेन

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया से लेकर वॉट्सऐप तक पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि थाईलैंड में एक ऐसा झरना है, जहां पर ओम का उच्‍चारण करने पर पानी का फव्‍वारा फूटता है। इसके बौद्ध साधु संप्रदाय ने बनाया है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। हमारी जांच में पता चला कि सेंसर तकनीक से आवाज के जरिए पानी को फव्‍वारे में तब्‍दील किया जाता है। इसका ओम से कोई संबंध नहीं है। दूसरी बात, वायरल वीडियो थाईलैंड का नहीं, चीन का है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर सलोनी यादव ने एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, ”थाइलैंड में एक पर्वत के नीचे पानी का एक छोटा झरना है जिसके बाजु वाले पर्वत पे ओम् ( ॐ ) का उच्चारण करने पर पानी का फ़व्वारा बन कर पर्वत से भी उपर तक उछलता है.. ये किसी बोद्ध साधु सम्प्रदाय ने बनाया है ।पानी का वज़न + गुरुत्वाकर्षण से भी इतना ऊपर पानी सिर्फ़ आवाज़ के तरंग से कैसे जा सकता है? ये कोई विज्ञानी ही बता सकता हे .. क्योंकि ऐसा सिर्फ़ ओम् ( ॐ )बोल ने पर ही होता हे !! ये भी एक अजूबा हे .. इसे कई भारतीयों ने भी ट्राई भी किया है..”

इस वीडियो को 7 जुलाई 2019 को सुबह करीब 11 बजे बजे अपलोड किया गया था।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करने कई स्‍क्रीन शॉट लिए। इसके बाद इसे गूगल रिवर्स इमेज में और Yandex में सर्च किया। हमें कई जगह यही वीडियो मिला। इंडोनेशिया की वेबसाइट Jatimtimes.com ने इस वीडियो को लेकर एक स्‍टोरी की थी।

13 दिसंबर 2018 को की गई इस स्‍टोरी को हमने गूगल ट्रांसलेशन की मदद से अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया। इससे हमें पता चला कि वायरल हो रहा वीडियो एक साउंड फाउंटेन का है, जो कि चीन में है। यह फाउंटेन आवाज से कंट्रोल होता है। जहां पर यह स्थित है, वहां कई बौद्ध गुफाएं भी मौजूद हैं, जो टूरिस्‍ट की पसंदीदा जगहों में से एक है। इसी खबर में आगे बताया गया है कि इस खूबसूरत फाउंटेन को हिमालय म्‍यूजिक कंपनी ने बनाया है।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने गूगल सर्च में Himalaya Music Company टाइप करके सर्च किया तो हमें पता चला कि यह कंपनी दुनियाभर में साउंड फाउंटेन बनाने का काम करती है। इसका ऑफिस चीन में स्थित है।

हिमालय म्यूजिक फाउंटेन की वेबसाइट से लेकर उनके यू-ट्यूब चैनल तक पर ऐसे फाउंटेन के बारे में जानकारी दी गई है। ऐसे फाउंटेन वॉयस कंट्रोल सिस्टम से चलते हैं। जब टूरिस्‍ट माइक्रोफोन से बोलते हैं, तो आवाज एक सिग्नल में कन्‍वर्ट होते हुए कंट्रोल सिस्टम में जाती है। आखिरी में आवाज जितनी तेज होती है, उतनी ही ऊंचाई पर फाउंटेन को चलाने के लिए कंट्रोल सिस्टम सिग्नल देता है।

इसके बाद फिर से हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाई। आखिरकार वायरल हो रहा वीडियो हमें v.qq.com पर मिला। यह वीडियो आप यहां देख सकते हैं। इस वीडियो के कैप्‍शन में चाइनीज में लिखा हुआ था : झरने के पानी को आप कितना ऊंचा करना चाहते हैं, यह आपके फेफड़े की क्षमता पर निर्भर करता है। इस वीडियो को वेबसाइट पर 31 अक्‍टूबर 2018 को अपलोड किया गया था। यह वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।

अंत में हमने चीन के वीडियो को फर्जी संदर्भ के साथ वायरल करने वाली यूजर सलोनी यादव के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि इस अकाउंट में अक्‍सर भड़काऊ और फर्जी पोस्‍ट की जाती है। अकाउंट की प्रोफाइल के अनुसार, यूजर कानपुर की रहने वाली हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि थाईलैंड के नाम पर चीन का वीडियो वायरल हो रहा है। इसे किसी साधु ने नहीं, बल्कि चीन की कंपनी ने बनाया था। यह सेंसर तकनीक पर काम करता है। जितनी जोर से आवाज निकाली जाती है, उतना ही फाउंटेन ऊपर जाता है। इसमें कोई अजूबे जैसी बात नहीं है।

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False
Symbols that define nature of fake news
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