Fact Check : फर्जी है यूक्रेन में ‘गुरु का लंगर’ के नाम से वायरल पोस्‍ट

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यूक्रेन में गुरु का लंगर नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। यह तस्‍वीर सोशल मीडिया पर काफी साल पहले से उपलब्‍ध है। इसका यूक्रेन से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूक्रेन-रूस के विवाद के बीच सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें एक फूड व्‍हील पर कुछ लोगों को खाना खाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह तस्‍वीर यूक्रेन में फ्री लंगर चला रहे स‍िखों की है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। जिस तस्‍वीर को यूक्रेन के नाम पर वायरल किया जा रहा है, वह 2016 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। विश्‍वास न्‍यूज स्‍वतंत्र रूप से यह पुष्टि नहीं करता है कि ओरिजनल तस्‍वीर कहां की है, लेकिन यह कन्‍फर्म है कि इस तस्‍वीर का यूक्रेन से कोई संबंध नहीं है। यह काफी पुरानी तस्‍वीर है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज Nanakmatta Sahib ने 26 फरवरी को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘यूक्रेन में सिख समुदाय की पहल “गुरु का लंगर।’

दैनिक भास्‍कर के ट्विटर हैंडल पर भी इस तस्‍वीर को एक खबर के साथ पोस्‍ट किया गया। इसे यहां देखा जा सकता है।

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखें। फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस तस्‍वीर को पोस्ट करते हुए समान दावा किया।

पड़ताल

यूक्रेन में लंगर के नाम पर वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले ऑनलाइन टूल का सहारा लिया। गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल में वायरल तस्‍वीर को अपलोड करके सर्च करने पर यह तस्‍वीर हमें पुरानी तारीखों से कई जगह मिली। We The Sikhs नाम के एक फेसबुक पेज ने इस तस्‍वीर को 6 अगस्‍त 2018 को पोस्‍ट करते हुए कनाड़ा का बताया। इसे यहां देखा जा सकता है।

Help Humanity नाम के एक फेसबुक पेज ने भी तस्‍वीर को 13 दिसंबर 2017 को पोस्‍ट किया था। यह तस्‍वीर We The Sikhs के ट्विटर हैंडल पर भी 6 अगस्‍त 2018 को अपलोड मिली। इसे यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान वायरल तस्‍वीर हमें The Desi Stuff नाम के एक फेसबुक पेज पर भी मिली। इसे 21 नवंबर 2016 को अपलोड करते हुए बताया गया कि ब्रिटेन में हर दिन भारतीय स‍िख फ्री भोजन बांटते हैं। इसे यहां देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए कनाडा में गुरु नानक फ्री किचन चलाने वाली संस्‍था से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीर काफी पुरानी है। इसका यूक्रेन से कोई लेना-देना नहीं है।

पड़ताल के अंत में फेसबुक पेज Nanakmatta Sahib की सोशल स्‍कैनिंग की। पता चला कि पेज को 81 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यूक्रेन में गुरु का लंगर नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। यह तस्‍वीर सोशल मीडिया पर काफी साल पहले से उपलब्‍ध है। इसका यूक्रेन से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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