Fact Check: वायरल फोटो भारत में हुए एक थीम पर आधारित फोटोशूट का हिस्सा है, श्रीलंका में थके हुए COVID 19 वर्कर्स का नहीं

वायरल फोटो भारत में एक थीम्ड फोटोशूट का एक हिस्सा था, न कि श्रीलंका में अत्यधिक काम करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का। वायरल पोस्ट फर्जी है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक फोटो में पीपीई सूट पहने थके हुए स्वास्थ्य कर्मचारियों को देखा जा सकता है। श्रीलंका की आधिकारिक भाषा सिंहली  में साझा किए गए दावे में कहा गया है कि यह तस्वीर COVID 19 वर्कर्स की है। जब Vishvas News ने पड़ताल की तो पाया कि वायरल पोस्ट फर्जी है। फोटो भारत के केरल में हुए एक थीम पर आधारित फोटोशूट का हिस्सा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सिंहल भाषा में सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया गया है: अनुवादित “मैंने बहुत सारी तस्वीरें देखी हैं .. लेकिन यह तस्वीर सच्चाई बोल रही है .. यह स्पष्ट है कि जिस व्यक्ति ने यह तस्वीर ली है वह वास्तव में समाज को एक सन्देश दे रहा है। समाज के लिए बड़ा संदेश अभी .. इसे मजाक में न लें। स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत लोगों के बलिदानों के बारे में अच्छी तरह से समझें।”

इस पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने देखा कि पोस्ट सिंहली भाषा में लिखी है, जो श्रीलंका की आधिकारिक भाषा है। हालाँकि पोस्ट में किसी स्थान को निर्दिष्ट नहीं किया गया है, मगर पोस्ट के सिंगली भाषा में होने के कारण ऐसा लग रहा है कि यह तस्वीर श्रीलंका में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की है।

जब हमने तस्वीर की बारीकी से जांच की तो हमें Bino_Adam_73 का लोगो तस्वीर पर मिला।

हमने कीवर्ड खोज की और हमें यह तस्वीर Bino Adam नाम के इंस्टाग्राम पेज पर मिली।

बिनो एडम दक्षिण भारत के एक फोटोग्राफर है। उन्होंने इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा था: “It simply came to our notice then. We have two views to see … The heart that fights against the great disease with the mind that is eager to jump even when it falls … The other side of the heartless who betray the whole world …”

वायरल पोस्ट के बारे में पुष्टि के लिए विस्वास न्यूज़ ने बीनो एडम से संपर्क किया और उन्होंने कहा “फोटो को एक थीम्ड स्टेज शो के दौरान क्लिक किया गया था जो कोविद -19 महामारी के दौरान फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया था। इसे केरल में क्लिक किया गया था।”

Vishvas News ने वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर के प्रोफाइल को स्कैन किया और पाया कि रुचिका मगम्माना नाम की यूजर श्रीलंका के कोलंबो की रहने वाली है।

निष्कर्ष: वायरल फोटो भारत में एक थीम्ड फोटोशूट का एक हिस्सा था, न कि श्रीलंका में अत्यधिक काम करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का। वायरल पोस्ट फर्जी है।

निष्कर्ष: वायरल फोटो भारत में एक थीम्ड फोटोशूट का एक हिस्सा था, न कि श्रीलंका में अत्यधिक काम करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का। वायरल पोस्ट फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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