Fact Check: बांग्लादेश के ढाका में टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ का वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा दावा फर्जी है। यह वीडियो बांग्लादेश का है, भारत का नहीं।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ लोगों को एक टोल प्लाजा का गेट तोड़ते हुए  देखा जा सकता है। कुछ लोग इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए भारत का बताकर वायरल कर रहे हैं।

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो बांग्लादेश का है, भारत का नहीं।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक पर “Sidharth Sharma” नाम की यूजर ने 21 सितम्बर को एक वीडियो अपलोड किया जिसमें धार्मिक टोपी पहने कुछ लोगों को टोल प्लाजा कर्मिओं विवाद करते और टोल गेट को तोड़ने की कोशिश करते देखा जा सकता है।  साथ में लिखा है “हिंदुओ का आगे का भविष्य कैसा होगा , जरूर सोचना,,,,, गृह युद्ध शुरू हो चुका है चाहे तो इतिहास उठा कर देख लो।।” हिन्दू और गृह युद्ध जैसे शब्दों को इस्तेमाल कर ये कहने की कोशिश की जा रही है कि मामला भारत का है।

पड़ताल

वीडियो की पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले वीडियो के स्क्रीनशॉट्स लिए और इसे  गूगल लेंस पर ढूंढा। हमें 18 सितम्बर 2024 की ढाका ट्रिब्यून की खबर में इस वीडियो का एक स्क्रीनशॉट मिला। बांग्लादेशी न्यूज़ वेबसाइट के अनुसार, ” यह मामला 18 सितंबर 2024 का है, जब ढाका एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे पर कुरील प्लाजा पर एक पिकअप ट्रक से आए कुछ लोगों ने वहां के कर्मचारियों के साथ बहस और प्लाजा गेट की तोड़फोड़  की।”

हमें इस मामले में खबरें बांग्लादेश की कुछ और लोकल न्यूज वेबसाइट्स पर भी मिलीं। सभी के अनुसार, घटना 18 सितम्बर की थी और मामला ढाका का था।”

हमने इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए बांग्लादेशी न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर शिराजुजमन से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “यह मामला 18 सितम्बर 2024 ढाका एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे का है। एक्सप्रेस-वे पर खुले वाहन में लोगों को बिठाकर  ले जाने की अनुमति नहीं है। जब इस वाहन को रोका गया तो लोग गुस्सा हो गए और तोड़फोड़ करने लगे। मामला सांप्रदायिक  नहीं था।”

अब हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Sidharth Sharma के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने का फैसला किया। हमने पाया कि यूजर को 300 लोग फॉलो करते हैं। यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा दावा फर्जी है। यह वीडियो बांग्लादेश का है, भारत का नहीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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