Fact Check: जॉर्डन की संसद में हुई मारपीट  के वीडियो को इजरायल का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मारपीट के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं , बल्कि साल 2021 का है और जॉर्डन का है। जॉर्डन की संसद में संविधान में प्रस्तावित संशोधन को लेकर संसद सदस्यों के बीच लड़ाई हो गई थी। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक शख्स को पीटने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को हमास और इजरायल संघर्ष से जोड़ते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह इजरायल का अधिकारी है, जिन्हें पीटा जा रहा है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं , बल्कि साल 2021 का है और जॉर्डन का है। जॉर्डन की संसद में संविधान में प्रस्तावित संशोधन को लेकर संसद सदस्यों के बीच लड़ाई हो गई थी। 

क्या हो रहा है वायरल ?

इंस्टाग्राम यूजर ने 8 नवंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। वीडियो पर लिखा हुआ है, “इजरायल के अधिकारी को जमकर पीटा।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले और उन्हें रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वीडियो रॉयटर्स के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 29 दिसंबर 2021 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो जॉर्डन की संसद का है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट यूरो न्यूज की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट के अनुसार, देश के संविधान में विवादास्पद संशोधनों को लेकर तीखी बहस के बीच जॉर्डन की संसद में संसद सदस्यों के बीच झड़प हो गई।

न्यूज 18 की वेबसाइट पर 29 दिसंबर 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, “जॉर्डन की संसद में पहले संसद सदस्यों के बीच जुबानी जंग हुई। फिर धीरे-धीरे यह हाथापाई में बदल गई। दरअसल संसद में संविधान में कुछ बदलावों को लेकर बहस चल रही थी। कई संसद सदस्यों का कहना था कि अगर संविधान में संशोधन किया गया तो राजा के पास और अधिक ताकत आ जाएगी, जबकि कई संसद सदस्य बदलाव के पक्ष में थे। इसे लेकर ही संसद में मारपीट हो गई थी।”

इजरायल के फैक्ट चेकर यूरिआ बार मेर से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो इजरायल का नहीं है।

अंत में हमने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 4,912 लोग फॉलो करते हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मारपीट के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं , बल्कि साल 2021 का है और जॉर्डन का है। जॉर्डन की संसद में संविधान में प्रस्तावित संशोधन को लेकर संसद सदस्यों के बीच लड़ाई हो गई थी। 

False
Symbols that define nature of fake news
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