Fact Check: यह वीडियो हमास से सुरक्षित बचाई गई महिला का नहीं, इराक की सांसद का है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि महिला के वायरल वीडियो का इजरायल और हमास संघर्ष से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2017 का है और इराक में यजीदी समुदाय की सांसद वियान दखिल का है। वीडियो में वो यजीदी महिलाओं पर होने वाली क्रूरता के बारे में बात कर रही हैं। 

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में महिला एक भायवह घटना के बारे में बताती हुई नजर आ रही है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि महिला इजरायल की रहने वाली है और अपनी आपबीती के बारे में बता रही है। महिला को हमास ने बंदी बनाकर  रखा था और महिला के साथ वहां पर क्रूरता की गई।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि महिला के वायरल वीडियो का हाल में हो रहे इजरायल और हमास संघर्ष से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2017 का है और इराक में यजीदी समुदाय की सांसद वियान दखिल का है। वीडियो में वो यजीदी महिलाओं पर होने वाली क्रूरता के बारे में बात कर रही हैं। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर उदय मौर्य ने 26 अक्टूबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “इजराइली महिला ने बताया कि वह तीन दिनों से हमास के आतंकियों की कैद में थी । तीन दिन बाद वो मेरे लिए चावल और मीट की सब्जी खाने के लिए लाए । मै बहुत भूखी थी, मेरे खाने के बाद मुझे बताया की यह मीट की सब्जी तुम्हारे एक साल के उस बच्चे को काटकर बनाई गई थी, जिसे हमने तुमसे छीना था । उन्होंने 10 साल की लड़कियों का रेप उसके मरने तक किया। और भारत के कुछ नीच हमास को बाप बनाकर बैठे है इस बात से इनकी लंबी सोच पता लगती है। जागो हिंदू जागो नहीं तो यह घर ज़मीन रुपया पैसा जानते नहीं तो किसके लिए बना रहे हो। गलतफहमी है कि ये सब तुम्हारे परिवार के लिए है। जातियों में ना बांटे, भारत के अंदर झांककर देखो यहां फिलिस्तीन हमास से ज्यादा आतंकवादी पल रहे हैं।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/bhagwakrantee/status/1717245046691713213

पड़ताल 

पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई की-फ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट वाशिंगटन टाइम्स की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 27 जून 2017 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो में नजर आ रही महिला इराक में यजीदी समुदाय की सांसद वियान दखिल हैं। वो यजीदी महिलाओं की आपबीती के बारे में बताते हुई नजर आ रही है। उन्होंने बताया कि किस तरह से इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने यजीदी महिलाओं पर अत्याचार किया।

रिपोर्ट में वियान दखिल एक यजीदी महिला की आपबीती बताते हुए कहती हैं, “जिन महिलाओं को हम आईएसआईएस से छुड़ाने में कामयाब रहे। उनमें से एक ने हमें बताया कि उसे तीन दिनों तक बिना खाने के तहखाने में रखा गया था। फिर उसे प्लेट में चावल और मांस दिया गया। चूंकि, उसे बहुत भूख लगी थी, तो उसने उसे खा लिया। खाने के बाद उन लोगों ने उसे बताया कि हमने तुम्हारे 1 साल के बेटे को पकाया था, जिसे हमने तुमसे लिया था और तुमने उसे ही अभी खाया है।”

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि सांसद वियान दखिल ने यह इंटरव्यू इजिप्ट बेस्ड एक्स्ट्रा न्यूज को दिया था। इस इंटरव्यू का अनुवाद मध्य पूर्व मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमईएमआरआई) ने किया था।

अन्य न्यूज रिपोर्ट्स को यहां पर पढ़ा जा सकता है। 

पड़ताल के दौरान हमें इंटरव्यू का पूरा वीडियो एक्स्ट्रा न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 3 जून 2017 को अपलोड हुआ मिला। एमईएमआरआई ने इस इंटरव्यू के अनुवाद वाले वीडियो को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर 26 जून 2017 को शेयर किया था। 

इस बारे में हमने इजरायल के फैक्ट चेकर यूरिआ बार मेर से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह वीडियो इजरायल के किसी टीवी  कार्यक्रम का नहीं है। इस वीडियो का इजरायल से कोई संबंध नहीं है।” 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के 1.5 हजार फॉलोअर्स हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को रांची का रहने वाला बताया है। यूजर मई 2015 से फेसबुक पर सक्रिय है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि महिला के वायरल वीडियो का इजरायल और हमास संघर्ष से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2017 का है और इराक में यजीदी समुदाय की सांसद वियान दखिल का है। वीडियो में वो यजीदी महिलाओं पर होने वाली क्रूरता के बारे में बात कर रही हैं। 

False
Symbols that define nature of fake news
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