Fact Check : फ्रांस के पर्यावरण एक्टिविस्ट के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा शेयर
- By: Pragya Shukla
- Published: May 27, 2023 at 02:39 PM
- Updated: May 30, 2023 at 12:31 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि फ्रांस में कुछ लोग रोड पर बैठकर नमाज पढ़ रहे थे। तभी लोगों ने आकर उन्हें रोड से हटा दिया। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो साम्प्रदायिक रंग देकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असलियत में रोड पर बैठे लोग पर्यावरण एक्टिविस्ट थे, जो कि बिगड़ते जलवायु पर्यावरण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
क्या हो रहा है वायरल ?
ट्विटर यूजर ‘अनुराग रॉय’ ने 21 मई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “सड़क पर नमाज़!!! नाराज फ्रांसीसी लोग वाहनों के लिए रास्ता बनाने के लिए नमाजियों को सड़कों से घसीटते हैं। कोई एक देश नहीं पूरी दुनिया के लोग इन जाहिल लोगों से परेशान हैं।”
पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। पोस्ट पर 2 हजार से ज्यादा रिट्वीट है और 72 हजार से ज्यादा लोगों ने वीडियो को लाइक किया है। अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इस वीडियो को मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
पड़ताल
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें यह वीडियो स्काई न्यूज नामक एक अरबी चैनल पर 1 दिसंबर 2022 को अपलोड हुआ मिला। वीडियो का डिस्क्रिप्शन और कैप्शन अरबी में दिया गया है, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस प्रकार है, यात्रियों ने पर्यावरण कार्यकर्ताओं को जबरन सड़क से हटाया।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें ग्राउंड रिपोर्ट की वेबसाइट पर वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट 2 दिसंबर 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरण कार्यकर्ता रोड के बीचों-बीच बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसकी वजह से लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा था। इसी वजह से कुछ यात्रियों ने उन्हें रोड से घसीटकर सड़क के किनारे कर दिया।
अन्य न्यूज रिपोर्ट को आप यहां पर पढ़ सकते हैं।
यह पोस्ट पहले भी वायरल हो चुकी हैं, उस समय भी हमने दावे की जांच कर सच्चाई सामने रखी थी । उस दौरान अधिक जानकारी के लिए हमने फ्रांस 24 की आईएफसीएन सिग्नेटरी ‘ऑब्जर्वर्स ’ के पत्रकार अलेक्जेंडर कैपरोन से संपर्क किया था। वायरल दावे को भ्रामक बताते हुए उन्होंने कहा था, “वीडियो में नजर आ रहे लोग रोड पर नमाज नहीं पढ़ रहे थे, बल्कि वो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। ये लोग पर्यावरण एक्टिविस्ट हैं और पर्यावरण को लेकर ही प्रदर्शन कर रहे थे, जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। इसका नमाज से कोई लेना-देना नहीं है।”
आखिर में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर को 15.7 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर मार्च 2016 से ट्विटर पर मौजूद है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रोड पर नमाज पढ़ने के दावे के नाम से वायरल वीडियो को साम्प्रदायिक रंग देकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असलियत में रोड पर बैठे लोग पर्यावरण एक्टिविस्ट थे, जो कि बिगड़ते जलवायु पर्यावरण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
- Claim Review : फ्रांस में सड़क पर नमाज पढ़ रहे नजामियों को स्थानीय लोगों ने हटाया।
- Claimed By : ट्विटर यूजर 'अनुराग रॉय'
- Fact Check : भ्रामक
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