विश्वास न्यूज में ‘अस्पताल ले जाते कोरोना मरीज’ वाली वायरल पोस्ट फर्जी निकली। 12 अप्रैल को धनबाद में हुई एक मॉकड्रिल के वीडियो को कुछ लोग झूठे दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सिर्फ कोरोना वायरस ही नहीं, बल्कि उससे जुड़ी फर्जी तस्वीरें, वीडियो और खबरें भी उतनी ही खतरनाक हैं। देशभर में कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारियों के मददेनजर प्रशासन मॉकड्रिल करता है, लेकिन सोशल मीडिया में मौजूद कुछ लोग मॉकड्रिल के वीडियो को कोरोना मरीज के नाम पर वायरल कर देते हैं। एक ऐसा ही वीडियो झारखंड का वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में दावा किया गया कि झारखंड के धनबाद में कोरोना के पहले मरीज को सेंट्रल अस्पताल ले जाया गया।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह वायरल पोस्ट झूठी निकली। 12 अप्रैल को धनबाद में हुई मॉकड्रिल को लोग कोरोना मरीज के नाम पर वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक पेज City-Dhanbad ने 17 अप्रैल को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ”Dhanbad ka pahla Corona patient ko Central Hospital le jate Medical Staff..”
मॉकड्रिल के इस वीडियो कोई हजारों लोग सच मानकर वायरल कर रहे हैं। यह वीडियो फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और यूट्यूब पर भी वायरल हो रहा है।
विश्वास न्यूज ने जब वीडियो को ध्यान से देखा, तो अंदाजा हो गया कि यह एक मॉकड्रिल का वीडियो है। वीडियो में कई जगह ‘धनबाद में मॉकड्रिल’ सुना जा सकता है। इसके अलावा हमने जब मॉकड्रिल में नजर आ रहे कथित मरीज और एंबुलेंस को सेनेटाइज करने वाले दोनों शख्स को मीडिया में मॉकड्रिल की पब्लिश खबर से मिलाया तो ये ही शख्स मिले।
गूगल में हमने धनबाद में मॉकड्रिल टाइप करके सर्च किया तो हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर पब्ल्शि एक खबर मिली। 13 अप्रैल 2020 को प्रकाशित खबर में बताया गया, ”रविवार को पीएमसीएच और सेंट्रल अस्पताल के डॉक्टरों ने मॉकड्रिल किया। मॉकड्रिल के तहत पीएमसीएच से सेंट्रल अस्पताल तक मात्र 15 मिनट में मरीज को ले जाया गया और उसका इलाज शुरू कर दिया गया। मॉकड्रिल में मुख्य रूप से बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. गोपाल दास, पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यूके ओझा, जिला सदर चिकित्सा प्रभारी डॉ. आलोक विश्वकर्मा, केंद्रीय अस्पताल के प्रभारी डॉ. एके गुप्ता, डब्ल्यूएचओ के डॉक्टर राजन कुमार वर्णमाला आदि डॉक्टर मौजूद थे।”
पड़ताल के अगले चरण में हमने दैनिक जागरण के रांची यूनिट हेड यूएन पाठक से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ”वायरल वीडियो सिर्फ एक मॉकड्रिल थी। इसकी खबर दैनिक जागरण में भी छपी थी। यह मॉकड्रिल 12 अप्रैल को हुई थी। हालांकि, 16 अप्रैल को निरसा से एक कोरोनावायरस का पॉजिटिव मरीज सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया है,लेकिन उसकी कोई तस्वीर या वीडियो उपलब्ध नहीं है।”
धनबाद के पीएमसीएच के आइसोलेशन प्रभारी डॉक्टर यूके ओझा ने बताया, ”12 अप्रैल को पीएमसीएच और सेंट्रल अस्पताल के डॉक्टरों ने मॉक ड्रिल किया था! यह उसी का दृश्य है। इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।”
इसके बाद विश्वास न्यूज ने 13 अप्रैल के धनबाद के ईपेपर को स्कैन करना शुरू किया। हमें दैनिक जागरण के अखबार में मॉकडिल की खबर मिली। इस खबर में इस्तेमाल की गई तस्वीरों को आसानी से वायरल वीडियो से मिलाया जा सकता है। पूरी खबर आप नीचे देख सकते हैं।
अंत में हमने मॉकड्रिल के वीडियो को सच्ची घटना का बताकर वायरल करने वाले फेसबुक पेज City-Dhanbad की जांच की। हमें पता चला कि यह पेज धनबाद की खबरों को ज्यादा अपलोड करता है। इसे 51 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज को 13 जुलाई 2012 को बनाया गया था।
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज में ‘अस्पताल ले जाते कोरोना मरीज’ वाली वायरल पोस्ट फर्जी निकली। 12 अप्रैल को धनबाद में हुई एक मॉकड्रिल के वीडियो को कुछ लोग झूठे दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।
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