विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह वीडियो अक्टूबर 2019 का है, जब अजरबैजान में पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक रैली के बाद झड़प हो गई थी।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। कोरोना वायरस के दुनियाभर में फैले प्रकोप के बीच 4 मिनट 52 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मियों को लोगों के साथ मारपीट करते और जबरन धड़पकड़ करते देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो स्पेन का है, जहां पुलिस उन लोगों पर कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन का पालन नहीं किया। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह वीडियो अक्टूबर 2019 का है, जब अजरबैजान में पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक रैली के दौरान झड़प हो गई थी।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक पर कुछ यूजर इस वीडियो को शेयर करते हुए डिस्क्रिप्शन में लिख रहे हैं, “This is lockdown in Spain You guys in India are lucky. * How they treat those who defy corona curfew 👆” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “यह स्पेन में लॉकडाउन है * * भारत में आप लोग भाग्यशाली हैं *। * वे उन लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं जो कोरोना कर्फ्यू का पालन नहीं करते हैं।”
इस पोस्ट को यहां क्लिक करके देखा जा सकता है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
पड़ताल
हमने इस पोस्ट की जांच करने के लिए इस वीडियो को ठीक से देखा। वीडियो में ऊपर बायीं तरफ अंग्रेजी में TOPLUM TV लिखा देखा जा सकता है।
हमने Invid टूल पर इस वीडियो को डाला और इसके कीफ्रेम्स निकाले। जब हमने इन कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर TOPLUM TV कीवर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें TOPLUM TV नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोडेड एक वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो के अंशों को भी देखा जा सकता है। इस वीडियो को 19 अक्टूबर, 2019 को अपलोड किया गया था और इसका डिस्क्रिप्शन था (अनुवादित)‘19 अक्टूबर को, राष्ट्रीय परिषद और पॉपुलर फ्रंट पार्टी ने बाकू के केंद्र में रैली की। दंगा भड़कने पर पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हटाया।”
हमें इस घटना को लेकर रॉयटर्स पर भी एक खबर मिली, जिसमें इस घटना के बारे में विस्तार से बताया गया था। खबर को 19 अक्टूबर, 2019 को पब्लिश किया गया था। खबर के अनुसार, यह घटना ’19 अक्टूबर, 2019 को अजरबैजान में कम वेतन, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र की कमी के खिलाफ हुई एक रैली की है जिसके दौरान अजरबैजान पुलिस ने मुख्य विपक्षी पार्टी पॉपुलर फ्रंट के नेता सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था।’
हमने इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए टोपलम टीवी के वीडियो एडिटर इन चीफ, इज़्ज़तखानीम जबरली से बात की। उन्होंने हमें बताया, “यह वीडियो 19 अक्टूबर, 2019 का है जब अजरबैजान की राजधानी बाकू में एक रैली के दौरान उग्र होती भीड़ को काबू करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। इसका कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं था।”
जब विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल की तो हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वेबसाइट पर नोवेल कोरोना वायरस (2019-nCoV) पर एक स्टेटमेंट मिला। इसके अनुसार, COVID-2019 का सबसे पहला केस 31 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान में आया था। साफ़ है कि 19 अक्टूबर, 2019 को बाकू में हुई इस मुठभेड़ का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं था।
इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Duwanse Durai Appa नाम का फेसबुक पेज। इस यूजर के फेसबुक पर कुल 4,951 फ़ॉलोअर्स हैं और यूजर चेन्नई के रहने वाले हैं।
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह वीडियो अक्टूबर 2019 का है, जब अजरबैजान में पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक रैली के बाद झड़प हो गई थी।
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