Fact Check: मिस्र में साल 2013 में हुए प्रदर्शन के वीडियो को हालिया हमास संघर्ष का बताकर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का इजरायल और हमास जंग से कोई संबंध नहीं है। असल में यह वीडियो साल 2013 में मिस्र के काहिरा में अल-अजहर विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रदर्शन का है,जिसे अब इजरायल और हमास जंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। इससे जोड़कर सोशल मीडिया पर कई फर्जी तस्वीरें और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कई व्यक्तियों को शव की तरह लेटे हुए देखा जा सकता है। वीडियो में एक व्यक्ति हिलते हुए नज़र आ रहा है, वहीं एक अन्य व्यक्ति को हसंते हुए देखा जा सकता है। अब इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है इजरायली कार्रवाई के बाद हमास जिन्दा लोगों को शव के तौर पर दिखा कर उनके जंग में मारे जाने का दिखावा कर रह है।  

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का  इजरायल और हमास जंग से कोई संबंध नहीं है। वीडियो साल 2013 में मिस्र के काहिरा में अल-अजहर विश्वविद्यालय में हुए एक विरोध प्रदर्शन का है, जिसे अब इजरायल और हमास जंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘जीतू बजरंगी जीतू बजरंगी’  ने 29 अक्टूबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “अलजजीरा ने कमाल की शूटिंग की है हमास का जिहादी मुर्दा भी खुजली कर रहा है कैमरे की गर्मी के कारण…!”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल इमेज के जरिए सर्च किया। हमें वीडियो कई जगह अपलोड मिला। ‘elbadil’ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 28 अक्टूबर 2013 को वायरल वीडियो से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट मिली। वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, “अल-अजहर विश्वविद्यालय में मुस्लिम ब्रदरहुड के दर्जनों छात्रों ने कॉलेज प्रशासन भवन के सामने एक विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया था।”

सर्च के दौरान हमें ‘Akhbar El yom TV’ नाम के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी वायरल वीडियो से मिलता-जुलता वीडियो मिला। 28 अक्टूबर 2013 को अपलोड वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार (अनुवादित) “अल-अजहर के छात्रों ने नस्र शहर में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर धावा बोल दिया।” 

कई फेसबुक यूजर्स ने भी इस वीडियो को साल 2013 शेयर किया था। ‘ايجيبشيان ستايل Egyptian STYLE’ नाम के एक फेसबुक पेज ने 29 अक्टूबर 2013 को वीडियो शेयर किया था। ऐसी ही एक अन्य फेसबुक पेज ‘شـكرا شفيق (thanks Ahmed Shafik)’ ने भी इस वीडियो को 29 अक्टूबर 2013 को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा (अनुवादित) “अल-अजहर विश्वविद्यालय के अंदर लाशों के साथ एक नाटकीय प्रदर्शन। सुरक्षा कहाँ है? 

वायरल वीडियो को लेकर हमने अल बदिल न्यूज से मेल के जरिए संपर्क किया। जवाब में बताया गया, ” वीडियो लगभग दस साल पुराना है। इसका हालिया इजरायल और हमास संघर्ष से कोई संबंध नहीं है।”

पहले भी इजरायल और हमास संघर्ष से जुड़े कई फर्जी और भ्रामक दावे सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। जिनकी जांच विश्वास न्यूज ने की है। आप विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ सकते हैं। 

अंत में हमने करीब दस साल पुराने वीडियो को गलत दावे से शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। पता चला कि  यूजर देहरादून का रहने वाला है। यूजर को 1,976 लोग फेसबुक पर फॉलो करते हैं। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का इजरायल और हमास जंग से कोई संबंध नहीं है। असल में यह वीडियो साल 2013 में मिस्र के काहिरा में अल-अजहर विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रदर्शन का है,जिसे अब इजरायल और हमास जंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

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