X
X

Fact Check: फ्रांस में हुई हिंसा के बाद पेरिस की सड़कों पर नमाज पढ़ने के दावे के साथ वायरल वीडियो मास्को का है

फ्रांस में हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद पेरिस की सड़कों पर सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ते मुस्लिमों के दावे के साथ वायरल वीडियो रूस की राजधानी मॉस्को का पुराना वीडियो है, जब ईद के दौरान मुस्लिमों ने कैथेड्रेल मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ी थी।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Jul 6, 2023 at 03:06 PM
  • Updated: Jul 7, 2023 at 12:14 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई व्यापक हिंसा और आगजनी के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह पेरिस की सड़कों पर शुक्रवार के दिन का नजारा है, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि फ्रांस में हो रही आगजनी और हिंसा के बीच मुस्लिमों ने सार्वजनिक जगह पर नमाज पढ़कर एकजुटता का परिचय दिया।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो फ्रांस का नहीं, बल्कि रूस की राजधानी मॉस्को का है, जहां रमजान के मौके पर मुस्लिमों ने नमाज अदा की थी। इसी पुराने वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ फ्रांस में हुई हिंसा के संदर्भ में वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘विश्व हिन्दू पीठ’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “यह पेरिस की एक शुक्रवार का दृश्य है। फ्रांस में जो दंगे हो रहे हैं वह इस्लामिक धार्मिक उन्माद का एक उदाहरण है। धार्मिक रूप से एक आस्थावान मुसलमान अल्लाह और उसकी आसमानी किताब कुरान पर समर्पित होता है। यदि कोई सामाजिक व्यवस्था कुरान और अल्लाह के विरुद्ध उसकी धार्मिक अधिकारों को रोकती है। उसकी आस्था को कमजोर करने का प्रयास करती है, तो वह प्रतिकार करता है। बात बहुत सरल भी है और गंभीर भी है कि इस्लाम केवल धर्म नहीं है, एक सामाजिक व्यवस्था है। और एक राजनीतिक सत्ता स्थापित करने का सशक्त माध्यम भी है। पांच समय रोज नमाज पढ़ने वाले उस राजनीतिक सत्ता को स्थापित करने का उपकरण बनते जाते हैं। यदि किसी देश की सरकार को भविष्य में ऐसे विद्रोह और अराजक स्थिति को नहीं देखना तो उससे प्रारंभ में ही इस्लाम के रीति-रिवाजों और उसके अभ्यास पर नियंत्रण रखने के लिए इस्लामिक धर्म गुरुओं के साथ खुली वार्ता करनी चाहिए होगी। जिन्होंने ऐसा नहीं किया, वे देश विभाजन के अतिरिक्त किसी और परिणाम की अपेक्षा ना करें या तो पूरी देश की सत्ता इस्लामिक तंत्र के हवाले हो जाएगी किया देश का विभाजन मुस्लिम और गैर मुस्लिम के आधार पर होगा।”

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

फ्रांस में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल वीडियो

ट्विटर समेत सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी इस वीडियो को पेरिस का बताते हुए शेयर किया गया है।

https://twitter.com/Manasi_6/status/1676171833744453632?s=20

पड़ताल

वायरल वीडियो 30 सेकेंड लंबा है, जिसमें 20वें सेकेंड के फ्रेम में सुनहरे रंग की गुंबदनुमा मस्जिद नजर आ रही है। इस की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऐसे कई आर्टिकल मिले, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

dreamstime.com की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर मास्को स्थित कैथेड्रल मस्जिद की तस्वीर है। फोटो एजेंसी shutterstock.com की वेबसाइट पर भी इस मस्जिद की कई तस्वीरें मिली, जो मॉस्को स्थित कैथेड्रल मस्जिद की है।

सोशल मीडिया सर्च में बीबीसी वर्ल्ड की संवाददाता ओल्गा इवशिना के ट्विटर हैंडल पर 15 अक्टूबर 2013 को साझा की गई एक तस्वीर भी मिली, जो वायरल वीडियो में नजर आ रहे दृश्यों में से एक की तस्वीर है।

ट्वीट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो मास्को का है, जहां मुस्लिमों ने रमजान के दौरान नमाज अदा किया था। विश्वास न्यूज ने इस वीडियो के लोकेशन की पुष्टि के लिए मॉस्को के पत्रकार गेब्रियल गाविन से ट्विटर के जरिए संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “यह वीडियो मॉस्को में स्थित कैथेड्रल मस्जिद के बाहर का ही है।”

इससे पहले भी इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कई बार अलग-अलग संदर्भों में गलत दावे के साथ शेयर किया जाता रहा है। इससे पहले भी इस वीडियो को फ्रांस के नाम पर वायरल किया गया था, जिसे हमने अपनी जांच में गलत पाया था। विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

गौरतलब है कि 27 जून को 17 साल के युवक को पुलिस ने ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार करने की कोशिश की थी और जब उसने भागने की कोशिश की तो गोली मार दी। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद फ्रांस में व्यापक तौर पर हिंसा और आगजनी हुई, जिसमें पुलिस ने करीब 3,400 लोगों को गिरफ्तार किया है।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब चार हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: फ्रांस में हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद पेरिस की सड़कों पर सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ते मुस्लिमों के दावे के साथ वायरल वीडियो रूस की राजधानी मॉस्को का पुराना वीडियो है, जब ईद के दौरान मुस्लिमों ने कैथेड्रेल मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ी थी।

  • Claim Review : फ्रांस में हुई हिंसा के बाद पेरिस की सड़कों पर नमाज पढ़ते मुस्लिम।
  • Claimed By : FB User-विश्व हिन्दू पीठ
  • Fact Check : झूठ
झूठ
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later