Fact Check: तुलसी गबार्ड का भजन गायन का यह वीडियो 2016 का है, हालिया नहीं

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि भजन गाती तुलसी गबार्ड का यह वीडियो हालिया नहीं, बल्कि 2016 का है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। 13 नवंबर को अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व डेमोक्रेट नेता तुलसी गबार्ड को अमेरिका की नई राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (Director of National Intelligence Agency) के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की। ऐसे में उनकी हिन्दू वंशावली के चलते कई यूजर उनका एक पुराना वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि 2 दिन पहले वे इस्कॉन मंदिर में भजन गा रही थीं और अब उन्हें ट्रम्प कैबिनेट में स्थान मिल  गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि भजन गाती तुलसी गबार्ड का यह वीडियो हालिया नहीं, बल्कि 2016 का है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Sunita Singh (आर्काइव ) ने 15 नवंबर को यह वीडियो शेयर किया और साथ में लिखा “सिर्फ़ दो दिन पहले ही तुलसी गबार्ड ISKON की 50th एनिवर्सरी पर महा मंत्र गा रही थी। इस महिला को बाइडेन ने “Secret terror list” में रखा था पर आज CIA-FBI सारी खुफिया जानकारी इनके साथ ट्रम्प तक पहुचायेगी। क्यूंकि ट्रम्प ने इन्हें ख़ुफ़िया विभाग का निदेशक बना दिया है। अमेरिका में बड़ी कंपनियों के CEO से लेकर रामास्वामी-तुलसी तक बेहद पावरफुल पदों पर भारतीय सवर्ण हिंदू है। ये मेरे सनातन पर दुनिया और विश्व की महाशक्ति का अटूट विश्वास है। हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे रामा हरे राम। अब देखते है हिंदुओं पर बोलने वाली तुलसी बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए क्या करती है जो इस्कॉन को टेररिस्ट बता रहे है।”

पड़ताल

वायरल पोस्ट में कई क्लेम किया गए हैं हमने इन्हें एक-एक कर जांचा।

सबसे पहले हमने वीडियो की जांच की। वायरल पोस्ट में वीडियो को हालिया बताया गया है। हमने इस क्लिप के स्क्रीनशॉट्स को गूगल लेंस पर सर्च किया तो हमें यह वीडियो इस्कॉन न्यूज (ISKCON News) के यूट्यूब चैनल पर 16 सितम्बर 2016 को अपलोड मिला। साथ में लिखा था, “वाशिंगटन डी.सी. में इस्कॉन की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर तुलसी गबार्ड का भाषण।”

कीवर्ड्स के साथ ढूंढ़ने पर हमने पाया कि इस्कॉन की स्थापना 1966 में न्यूयॉर्क में हुई थी और 2016 में इसकी पचासवीं सालगिरह मनाई गई थी।

वायरल पोस्ट में यह भी दावा किया गया कि बाइडेन सरकार ने तुलसी गबार्ड को “गुप्त आतंकी सूची” में रखा था। कीवर्ड्स से ढूंढ़ने पर हमें गबार्ड  का 4 सितम्बर 2024  का एक एक्स पोस्ट मिला, जिसमें उन्होंने लिखा था, “कमला कहती हैं कि उन्हें आजादी में विश्वास है, लेकिन जब मैंने सार्वजनिक रूप से उनकी आलोचना की, तो मुझे गुप्त आतंकवादी निगरानी सूची में डाल दिया गया। हैरिस प्रशासन के तहत कोई भी राजनीतिक प्रतिशोध से सुरक्षित नहीं रहेगा। मैंने इस देश के लिए अपनी जान जोखिम में डाली है। अब सरकार मुझे आतंकवादी खतरा बता रही है।”

तुलसी गबार्ड को अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस एजेंसी का निदेशक नियुक्त करने को लेकर ज्यादा जानकारी जागरण की इस खबर में पढ़ी जा सकती है।

इसके बाद हमने दैनिक जागरण में अंतरराष्ट्रीय मामलों को कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार जेपी रंजन से संपर्क किया। उन्होंने कन्फर्म किया कि ये बात सही है कि तुलसी गबार्ड को अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी का निदेशक नियुक्त किया गया है, मगर वायरल वीडियो इस घोषणा से 2 दिन पहले का नहीं, बल्कि 8 साल पहले का है। यह 2016 का वीडियो है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Sunita Singh की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर के 1300 से अधिक फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि भजन गाती तुलसी गबार्ड का यह वीडियो हालिया नहीं, बल्कि 2016 का है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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