विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो का देवरिया से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो राजस्थान के बांसवाड़ा की पुरानी घटना से जुड़ा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक युवक-युवती का बिना कपड़े के जुलूस निकालने का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यूपी के देवरिया में दलित लड़के और लड़की के कपड़े उतारकर मारा गया।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। राजस्थान में कई साल पहले हुई एक घटना के वीडियो को अब कुछ लोग यूपी के देवरिया के नाम से वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक पेज कट्टर हिंदू ने 23 जून को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘ये वीडियो प्रशासन तक जाना चाहिए ये देवरिया के सकरापार कि घटना है दलित के लड़के और लड़की को निर्वस्त्र कर मार रहे है फसल काटने नही आया इसलिए एक अनुसूचित जाति के युवक की निर्दयता से पिटाई की गई और सुप्रीम कोर्ट कहता है अधिनियम का दुरूपयोग होता है ,एक दूसरे अन्य साथी ने इस पिटाई का वीडियो बनाया । इसे इतना शेयर करे की सुप्रीम कोर्ट सोचने को मजबूर हो जाए’
फेसबुक पोस्ट और आकाईव वर्जन देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले। इसके बाद इन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें जनसत्ता की वेबसाइट पर एक खबर मिली। अगस्त 2017 में पब्लिश इस खबर में वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया था।
खबर के अनुसार, वीडियो राजस्थान के बांसवाड़ा का है। यहां के शंभूपुरा गांव में 19 अप्रैल 2017 को एक दलित प्रेमी युगल को निर्वस्त्र करके घुमाया और पीटा गया। बाद में इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पड़ताल के दौरान हमें देवरिया पुलिस के ट्विटर हैंडल पर पुलिस अधीक्षक का बयान मिला। इसमें उन्होंने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी दी।
पड़ताल के अगले चरण में हमने दैनिक जागरण के देवरिया जिला प्रभारी महेंद्र कुमार त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो देवरिया जिले के सकरापार गांव का नहीं है। इस गांव को बदनाम किया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। एक युवक को गिरफ्तार किया गया है।
वायरल वीडियो को लेकर देवरिया के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर श्रीपति मिश्र ने कहा कि एक युवक द्वारा एक युवक व एक युवती की आपत्तिजनक वीडियो ट्विटर पर डाला गया। साथ ही यह बताया गया कि यह वीडियो देवरिया जनपद के सकरापार गांव की है। जांच में यह बात असत्य मिली। ट्वीट करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया गया है।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक पेज की जांच की। ‘कट्टर हिंदू’ नाम के इस पेज को 12 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। इसे 27 अप्रैल 2020 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो का देवरिया से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो राजस्थान के बांसवाड़ा की पुरानी घटना से जुड़ा है।
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