Fact Check: हवाई बमबारी का यह वीडियो रूसी आर्मी और वैगनर समूह के बीच भिड़ंत का नहीं, बल्कि वीडियो गेम का फुटेज है

हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो किसी असली घटना का नहीं, बल्कि एक वीडियो गेम का फुटेज है।

Fact Check: हवाई बमबारी का यह वीडियो रूसी आर्मी और वैगनर समूह के बीच भिड़ंत का नहीं, बल्कि वीडियो गेम का फुटेज है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक हवाई बमबारी का वीडियो तेज़ी से वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो को रील के रूप में शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह रूसी  आर्मी और वैगनर समूह के बीच भिड़ंत का है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो किसी असली घटना का नहीं, बल्कि एक वीडियो गेम का फुटेज है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Social media’ ने  वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “WAR IN RUSSIA Russian Air Force Engaging Wagner PMC Ground Troops on the M4 ..” जिसका अनुवाद होता है “रूस में युद्ध रूसी वायु सेना ने एम4 पर वैगनर पीएमसी ग्राउंड ट्रूप्स पर हमला किया..”

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो ‘बैटल पॉप्स’ नाम के यूट्यूब चैनल पर मार्च 2023 में अपलोडेड मिला। वीडियो के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन में इसे एक वीडियो गेम का बताया गया था। वीडियो के विवरण के अनुसार, यह फुटेज चेक आधारित गेम डेवलपर बोहेमिया इंटरएक्टिव द्वारा बनाये गए एक सैन्य सामरिक शूटिंग वीडियो गेम “अरमा 3” की एक क्लिप है।

यूट्यूब चैनल ‘बैटल पॉप्स’ के अबाउट अस के अनुसार, यह एक ‘मिलिट्री सिमुलेशन चैनल’ है, जहाँ जंग से जुड़े एनिमेटेड गेम वीडियो शेयर किये जाते हैं। इस चैनल पर कई युद्ध सिमुलेशन वीडियो साझा किए गए हैं।

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 26 जून को प्रकाशित खबर के अनुसार, वैगनर ग्रुप ने विद्रोह कर दिया था, जिसके बाद उनके सैनिकों ने रूस के सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने के लिए मॉस्को की ओर कूच कर दिया। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच बचाव करने के बाद वैगनर प्रमुख ने अपने कदम वापस लिए और अपने फील्ड कैंप में जाने का फैसला किया था।

वायरल दावे की पुष्टि के लिए हमने रूसी पत्रकार यायर नवोत से संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि यह वीडियो फुटेज असली नहीं है।

पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर के.एस.राधाकृष्णन की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर के 20000 से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो किसी असली घटना का नहीं, बल्कि एक वीडियो गेम का फुटेज है।

False
Symbols that define nature of fake news
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