Fact Check: क्षतिग्रस्त स्कूल की यह तस्वीर अफगानिस्तान की नहीं, गाज़ा की है

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। वायरल तस्वीर गाज़ा की है, अफगानिस्तान की नहीं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जहाँ एक क्षतिग्रस्त स्कूल के अंदर एक महिला शिक्षक को कुछ छात्राओं को पढ़ाते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह अफगानिस्तान की हालिया तस्वीर है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। वायरल तस्वीर गाज़ा की है, अफगानिस्तान की नहीं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

Akshay Choudhary नाम के सोशल मीडिया यूजर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए दावा किया “No words can explain the agony of young Afghan women who will now be forced to drop out of schools and bury their dreams. #Afghan_lives_matter #Talibans #AfghanWomen #Education #Afghanistan #Afghans”

पड़ताल

इस पोस्ट की जांच करने के लिए विश्वास न्यूज़ ने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर तो नहीं मिली, मगर इसी क्लासरूम की दूसरी तस्वीरें ज़रूर मिलीं। middleeastobserver.org की खबर के अनुसार, तस्वीर ग़ाज़ा की है। इस खबर को 28 अगस्त 2016 को फाइल किया गया था। कक

हमें इसी क्लासरूम की एक तस्वीर gettyimages.co.uk पर भी मिली। इस तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था, “अनुवादित: एक फिलिस्तीनी व्यक्ति ने 5 अगस्त, 2014 को गाजा शहर के अल-शेजिया पड़ोस में भारी क्षतिग्रस्त सोभी अबू कर्ष स्कूल का निरीक्षण किया, क्योंकि हमास और इजरायली बलों के बीच एक महीने की लड़ाई के बाद गाजा पट्टी में 72 घंटे का मानवीय संघर्ष प्रभावी हो गया था। विश्लेषकों का कहना है कि हमास ने भले ही रॉकेट और लड़ाकू विमानों को नुकसान पहुंचाया हो, लेकिन इजरायल के साथ उसके नवीनतम युद्ध ने गाजा पट्टी में इसकी लोकप्रियता को बढ़ाया है, भले ही दीर्घकालिक लाभ दूर-दूर तक क्यों न हो। एएफपी फोटो / मोहम्मद (फोटो क्रेडिट मोहम्मद आबेद / एएफपी गेट्टी इमेज)”

हमने इस विषय में एएफपी के फोटोजर्नलिस्ट मोहम्मद आबेद से ट्विटर के ज़रिये संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर ज़ाहिर तौर पर गाज़ा की है। उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने इस क्लासरूम की बहुत-सी तस्वीरें खींची थी। तस्वीर सोभी अबू कर्ष स्कूल की है।

indiatoday.in की खबर के अनुसार, “अनुवादित: तालिबान के कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने रविवार को कहा कि महिलाओं को विश्वविद्यालयों में पढ़ने की अनुमति होगी, लेकिन उनकी भूमिका के तहत सहशिक्षा पर प्रतिबंध रहेगा।”

इस तस्वीर को गलत दावे के साथ Akshay Choudhary नाम के फेसबुक यूजर ने शेयर किया था। यूजर के 547 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। वायरल तस्वीर गाज़ा की है, अफगानिस्तान की नहीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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