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Fact Check: भगवान का भेजा दुर्लभ फूल नहीं है ये, वायरल दावा है फर्जी

वायरल पोस्ट में नजर आ रहा पौधा कोई विचित्र फूल उडुम्बर या क्लस्टर फिग ट्री या शिवलिंग फ्लावर नहीं है। यह साइकस प्लांट की तस्वीर है वायरल पोस्ट फर्जी है।

  • By: Ankita Deshkar
  • Published: Aug 15, 2020 at 03:34 PM
  • Updated: Aug 30, 2020 at 07:10 PM

By Vishvas News

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक अलग-से दिखने वाले फूल की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह फूल भगवान का भेजा गया विशेष फूल है और यह पचास सालों में केवल एक बार ही खिलता है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में यह दावा गलत पाया।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर मराठी भाषा में शेयर किए गए इस पोस्ट का हिंदी अनुवाद है: यह विचित्र फूल स्वामी समर्थ महाराज का फूल उडुम्बर या उम्बर (क्लस्टर फिग) है। दर्शन करें व आशीर्वाद लें। यह फूल किसी को दिखता नहीं है। यह ओम्कार फूल है और 50 साल में एक बार ही खिलता है। यह प्रकृति की महिमा है। इसे फॉरवर्ड करें, ताकि लोग इसके दर्शन कर सकें।
फेसबुक पर यह पोस्ट “Kishori Malawadkar Upare As” ने साझा की है।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने फूल की तस्वीर को क्रॉप कर इसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें यहां शेयर चैट के एक पोस्ट का लिंक मिला, जिस पर इस फूल की पूरी तस्वीर मौजूद थी। लिंक के साथ मलयालम में टेक्स्ट लिखा हुआ था, जिसे हमने गूगल ट्रांसलेट की मदद से हिंदी में ट्रांसलेट किया। यहां लिखा गया था: शिवलिंग फ्लावर, 99 साल में एक बार खिलने वाला, हिमालय में।

इससे हमें यह पता चला कि यह तस्वीर कई भाषाओं में और अलग-अलग दावों के साथ सोशल मीडिया पर घूम रही है।

इसके बाद हमने इस लिंक से ही फूल की तस्वीर को डाउनलोड किया और फिर से गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। गूगल इमेज सर्च पर हमें पहले वाले ही रिजल्ट मिले। इसके बाद हमने इसे बिंज रिवर्स इमेज सर्च पर ढूंढा तो यहां हमें न्यू इंडियन एक्सप्रेस के एक आर्टिकल का लिंक मिला।

मार्च 2017 में प्रकाशित हुए इस आर्टिकल के अनुसार, यह डायनासोर के समय का फॉसिल ट्री है, पौधों का सबसे पुराना ग्रुप, जिसने 20 करोड़ से भी ज्यादा सालों के बाद भी अपने अस्तित्व को बचा कर रखा। इसलिए ही इन्हें लिविंग फॉसिल्स भी कहा जाता है।

हमें यह तस्वीर विकिपीडिया पर भी मिली। यहां इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है: विचित्र नुकीले माइक्रोस्पोरोफिल्स के साथ साइकस आरिक्सेंसिस का मेल कोन।

इससे यह पुख्ता हो गया कि न तो यह क्लस्टर फिग है और न ही शिवलिंग फ्लावर। विश्वास न्यूज ने अरान्या एन्वायरन्मेंटल ऑर्गेनाइजेशन के वाइस प्रेसिडेंट प्रणय तिजारे से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि की कि तस्वीर में दिख रहा पौधा 50 साल में एक बार खिलने वाला ओम्कार फूल या क्लस्टर फिग नहीं है। यह साइकस परिवार का एक पौधा है।

फेसबुक पर यह पोस्ट “Kishori Malawadkar Upare As” नामक यूजर ने साझा की थी। जब हमने यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर पुणे से है और मोहोल महाराष्ट्र का रहने वाला है। उसने यह प्रोफाइल सितंबर 2017 में बनाया था।

निष्कर्ष: वायरल पोस्ट में नजर आ रहा पौधा कोई विचित्र फूल उडुम्बर या क्लस्टर फिग ट्री या शिवलिंग फ्लावर नहीं है। यह साइकस प्लांट की तस्वीर है वायरल पोस्ट फर्जी है।

  • Claim Review : यह स्वामी समार्थ महाराज के फूल उडुम्बर या उम्बर की तस्वीर है, यह 50 साल में एक बार खिलता है, इसे ओम्कार फूल भी कहते हैं।
  • Claimed By : Facebook user: Kishori Malawadkar Upare As
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