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Fact Check : चर्च में लगी आग और जलते कार यार्ड के वीडियो का नहीं है फ्रांस हिंसा से कोई संबंध

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दोनों ही दावे गलत निकले। पहला वीडियो फ्रांस का है मगर पुराना है और दूसरा वीडियो ऑस्ट्रेलिया का है। दोनों ही वीडियो का फ्रांस में जारी हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Jul 5, 2023 at 02:22 PM
  • Updated: Jul 5, 2023 at 03:25 PM

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। फ्रांस में पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत के बाद जारी हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन्‍हें फ्रांस हिंसा से जोड़ते हुए वायरल किया जा रहा है। पहले वीडियो में एक चर्च में आग लगी हुई देखी जा सकती है। जबकि, दूसरे वीडियो में एक कार यार्ड को जलते हुए देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दोनों ही दावे गलत निकले। पहला वीडियो फ्रांस का है मगर पुराना है और दूसरा वीडियो ऑस्ट्रेलिया का है। इन दोनों वीडियो का फ्रांस हिंसा से कोई संबंध नहीं है। 

क्या है वायरल पोस्ट में?

जलते हुए चर्च वाले वायरल वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, अनुवादित: एक गिरजाघर, जो दोनों विश्व युद्धों के दौरान बमबारी का सामना कर रहा था और कल तक कई सौ वर्षों से सीना तानकर  खड़ा था, उन अवैध अप्रवासियों के शांतिपूर्ण समुदाय द्वारा जला दिया गया था, जो शरण की तलाश में #फ्रांस आए थे और अब सभी लूट, आगजनी और जिहाद कर रहे हैं। #फ्रांसऑनफ़ायर

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

कार यार्ड में जलती कारों वाले वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है अनुवादित:  “#फ्रांसीसी प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पार्किंग स्थल में आग लगा दी। – ये रहा, एक सफल लोकतांत्रिक देश- दुःस्वप्न! #फ्रांस #फ्रांसहिंसा #फ्रांसऑनफायर #फ्रांसप्रोटेस्ट #फ्रांसबर्निंग”

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने दोनों वीडियो की एक-एक कर जांच की। सबसे पहले हमने चर्च के वीडियो की पड़ताल की। वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढ़ने पर हमें यह वीडियो स्काई न्यूज़ की 19 जुलाई 2020 की एक खबर में मिला। खबर के अनुसार, यह नैनटेस का 15वीं सदी का गॉथिक कैथेड्रल है, जिसमें 19 जुलाई को आग लग गयी थी।

ख़बरों के अनुसार, इस मामले में 30 मार्च 2023 को हुई सुनवाई में 15वीं शताब्दी के गोथिक कैथेड्रल में आग लगाने वाले पेरिस के एक वॉलन्टियर को आगजनी के लिए चार साल जेल की सजा सुनाई गई।

हमारी पड़ताल में साफ़ हुआ कि यह मामला पुराना है और हालिया फ्रांस हिंसा से संबंधित नहीं है।

अब बारी थी दुसरे वीडियो की जांच करने की।

जांच के लिए हमने इस वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा। हमें यह पूरा वीडियो कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में अलग-अलग एंगल से मिला। स्काई न्यूज़ ऑस्ट्रेलिया के यूट्यूब चैनल पर 29 अप्रैल 2023 को अपलोडेड वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह वीडियो ऑस्ट्रेलिया के पर्थ का है, जहाँ “नीलामी यार्ड में आग लगने से दर्जनों कारें नष्ट हो गईं।”

हमें यह वीडियो 29 अप्रैल 2023 को ही सेवन न्यूज़ ऑस्ट्रेलिया के भी यूट्यूब चैनल पर इसी दावे के साथ मिला कि यह ऑस्ट्रेलिया के पर्थ का है, जहाँ नीलामी यार्ड में आग लग गयी थी।

https://www.youtube.com/watch?v=KKEHl_-Iv20

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में दैनिक जागरण में अंतरराष्ट्रीय ख़बरों को कवर करने वाले पत्रकार जेपी रंजन से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया कि ये दोनों ही वीडियो फ्रांस में जारी हिंसा से संबंधित नहीं हैं।

मालूम हो कि फ्रांस में एक किशोर की मौत के बाद तनाव फैल गया था, जिसमें काफी जानमाल  का नुकसान हुआ। ख़बरों के अनुसार, अब हिंसा रुक गयी है। हालांकि, स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है। इस मामले में पूरी जानकारी जागरण डॉट कॉम की इस खबर में पढ़ी जा सकती है।

चर्च के वीडियो को अमिताभ चौधरी नाम के ट्विटर यूजर ने गलत दावे के साथ अपलोड किया था। यूजर के ट्विटर पर 6000 से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं। वहीं, जलती गाड़ियों के वीडियो को अडेमी एडम्स नाम के फेसबुक यूजर ने शेयर किया था। इस यूजर के 3000 से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं।

CLICK HERE TO READ THIS FACT CHECK IN ENGLISH.

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दोनों ही दावे गलत निकले। पहला वीडियो फ्रांस का है मगर पुराना है और दूसरा वीडियो ऑस्ट्रेलिया का है। दोनों ही वीडियो का फ्रांस में जारी हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है।

  • Claim Review : फ़्रांस हिंसा से संबंधित वीडियो
  • Claimed By : Twitter user अमिताभ चौधरी
  • Fact Check : झूठ
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