Fact Check : वेनेजुएला में सड़क पर फेंके गए नोटों की तस्‍वीर फिर से वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट झूठी साबित हुई। मार्च 2019 में वेनेजुएला में हुई एक लूट के बाद लूटेरों ने नोटबंदी में बेकार हो चुकी करंसी को सड़कों पर फेंका था। उसी घटना की तस्‍वीर को फिर से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें सड़क पर बिखरे हुए नोटों को देखा जा रहा है। इस तस्‍वीर को लेकर सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि वेनेजुएला में लोगों ने सड़क पर ये नोट फेंक दिए।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दरअसल मार्च 2019 में वेनेजुएला में एक डकैती के बाद लूटेरों ने उन नोटों को सड़क पर फेंक दिया था, जो वहां की नोटबंदी के बाद प्रचलन से बाहर हो चुके थे। पहले भी एक बार इस घटना की कुछ तस्‍वीरों को इटली के नाम से वायरल किया जा चुका है। विश्‍वास न्‍यूज ने उसकी भी पड़ताल की थी। वह रिपोर्ट आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Srirama Rao Ajjarapu ने 10 नवंबर को एक पोस्‍ट शेयर की। इसके ऊपर लिखा था कि Venezuelans are just throwing money on the streets now.

इसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा कि वेनेजुएला के लोगों ने सड़कों पर पैसे फेंक दिए। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान ओरिजनल तस्‍वीर हमें कई वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर मिली।

वेनेजुएला की वेबसाइट maduradas.com पर अपलोड एक खबर में उसी तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था, जो अब वायरल हो रही है। इसके अलावा भी न्‍यूज में कई तस्‍वीरें थीं। खबर में बताया गया कि 11 मार्च 2019 को मेरिदा के बायसेंटीनियर बैंक एजेंसी को लूट लिया गया। इसके बाद नोटों को सड़कों पर फेंक दिया। ये वे नोट थे, जो वेनेजुएला की 2018 की नोटबंदी के बाद प्रचलन से बाहर हो चुके थे। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं। यह खबर 12 मार्च 2019 को पब्लिश की गई थी।

तस्‍वीर हमें CNW ‘@ConflictsW’ नाम के हैंडल पर भी मिली। इस ट्वीट को 12 मार्च 2019 को किया गया था। ट्वीट में हमें कई तस्‍वीरें मिलीं। ट्वीट के अनुसार, वेनेजुएला के मेरिदा में बैंक लूटने के बाद लुटेरों ने इन नोटों को सड़कों पर फेंक दिया।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि ‘CNW’ नाम के ट्विटर प्रोफाइल पर कॉन्फ्लिक्ट से जुड़ी खबरें ज्‍यादा होती हैं। विश्वास न्यूज ने इस ट्विटर हैंडल से संपर्क किया तो पता चला कि वायरल तस्‍वीर वेनेजुएला की ही है। यह तस्वीर पहले भी वायरल हो चुकी है, लेकिन दावा सही नहीं है।

पड़ताल के अंत में हमने यूजर के अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर Srirama Rao Ajjarapu दक्षिण भारत का रहने वाला है। यूजर एक खास विचारधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट झूठी साबित हुई। मार्च 2019 में वेनेजुएला में हुई एक लूट के बाद लूटेरों ने नोटबंदी में बेकार हो चुकी करंसी को सड़कों पर फेंका था। उसी घटना की तस्‍वीर को फिर से वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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