Fact Check: चीन में ट्रैफिक जाम की पुरानी तस्वीर को ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ जर्मनी में हुए विरोध का बता कर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2012 में चीन के शेनझेन शहर में हुए एक ट्रैफिक जाम की है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें बहुत-सी गाड़ियों को सड़क पर खड़े हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि ईंधन के दाम बढ़ाने का विरोध करने के लिए जर्मनी में लोगों ने अपने वाहनों को सड़क के बीच में छोड़ दिया।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2012 में चीन के शेनझेन शहर में हुए एक ट्रैफिक जाम की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Tushar Borkar ने यह तस्वीर पोस्ट की और इसके साथ लिखा, “जर्मनी में जब सरकार ने ईंधन के दाम बढ़ाये तो एक घंटे के अंदर सब लोग अपनी कारों को सड़क पर छोड़ कर चले गए। 10 लाख से ज़्यादा कारें सड़क पर खड़ी देखकर सरकार को पेट्रोल के दाम घटाने पड़े।”

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें www.rexfeatures.com की वेबसाइट पर यह तस्वीर मिल गई। तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था, “People stand next to their cars during a traffic jam in Shenzhen city, Guangdong province 30 Sep 2012.” जिसका मतलब यह तस्वीर चीन की है।

हमें यह तस्वीर फोटो एजेंसी alamy.com पर भी मिली। फोटो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था “Chinese holidaymakers rest next to their cars as they are waiting in a long queue in a traffic jam on an expressway during the Mid-Autumn Festival and.” इसके अनुसार भी तस्वीर चीन के ट्रैफिक जैम की ही है।

हमें यह तस्वीर telegraph.co.uk की एक खबर में भी मिली। खबर चीन में ट्रैफिक जाम के बारे में थी।

पुष्टि के लिए हमने टेलीग्राफ के लिए इस खबर को लिखने वाले रिपोर्टर मेलकॉम मूर से संपर्क साधा। मेल का जवाब देते हुए मूर ने कहा, “खबर में इस्तेमाल तस्वीर रेक्स वेबसाइट से ली गयी थी, जो एक विश्वसनीय एजेंसी है। यदि वहां कहा गया है कि तस्वीर चीन की है तो एक पत्रकार होने के नाते मैं उसपर यकीन करूँगा।”

ढूंढ़ने पर हमने पाया कि जर्मनी में कई बार ईंधन मूल्य वृद्धि के खिलाफ विरोध देखा गया है, लेकिन वायरल तस्वीर जर्मनी में किसी भी विरोध से संबंधित नहीं है। यह चीन के गुआंगडोंग प्रांत के शेनझेन शहर में 2012 में हुए एक ट्रैफिक जाम की है।

फेसबुक पर वायरल पोस्ट ‘Tushar Borkar’ नामक यूजर ने शेयर की है। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर नागपुर का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2012 में चीन के शेनझेन शहर में हुए एक ट्रैफिक जाम की है।

False
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