Fact Check: हमास के बंधकों के नाम से वायरल लिस्ट में नेपाली नागरिकों के नाम हैं, भारतीयों के नहीं

इजरायल पर हमास के हमले में 10 नेपाली नागरिकों की मौत हो गई थी, जबकि एक को हमास ने बंधक बना लिया था। वायरल लिस्ट में दिए गए सभी नाम नेपाल के लोगों के हैं, भारत के नहीं। अभी तक किसी भी भारतीय को बंधक बनाए जाने की कोई सूचना नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। इजरायल पर हमले के बाद हमास ने कई लोगों को बंधक बना लिया था। अब सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हो रही है। इसे शेयर कर सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह हमास द्वारा बंधक बनाए गए भारतीयों की सूची है। इनमें से 10 को मार दिया गया है। इसे शेयर कर लोग ‘इंडिया’ गठबंधन पर निशाना साध रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल लिस्ट में सभी नाम नेपाली नागरिकों के हैं। इनमें से 10 को हमास ने मार दिया था, जबकि छह बच गए थे और एक बंधक है। अभी तक हमास के बंधकों में किसी भारतीय के होने की कोई सूचना नहीं है।  

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘जगदीश पारीक‘ (आर्काइव लिंक) ने 17 अक्टूबर को लिस्ट पोस्ट करते हुए लिखा,

“As per sources 17 Indians have been kidnapped by HAMAS on Saturday in Israel , Out of 17 , 10 r killed r executed . No one from I.N.D.I.A. alliance has the guts to give a statement on these kidnapped Indians. But they support students of Aligarh Muslim University, who came out in support of HAMAS with a March.”

(सूत्रों के अनुसार, शनिवार को हमास द्वारा इजरायल में 17 भारतीयों का अपहरण कर लिया गया है, 17 में से 10 की हत्या कर दी गई है। I.N.D.I.A गठबंधन में से इन अपहृत भारतीयों पर बयान देने की किसी में हिम्मत नहीं है, लेकिन वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों का समर्थन करते हैं, जो मार्च के साथ हमास के समर्थन में निकले थे।)

फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने इस लिस्ट को समान दावे के साथ शेयर किया।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले इस बारे में कीवर्ड से सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।

हमने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का आधिकारिक एक्स हैंडल भी स्कैन किया, लेकिन ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली। हां, इन पर ऑपरेशन अजय के तहत भारत वापस लाए गए भारतीयों के बारे में पोस्ट जरूर की गई है।

इसके बाद हमने वायरल लिस्ट को ध्यान से देखा। इसमें दी गई जगहों के बारे में हमने गूगल पर सर्च किया। सल्यान, कैलाली, बझंग, दार्चुला, धनुषा, सुनसारी, डोटी, डांग, गोरखा और कंचनपुर को हमने गूगल पर सर्च किया। ये सभी नेपाल की नगर पालिका हैं। मतलब इसमें दिए गए पते नेपाल के हैं।

8 अक्टूबर को नेपाल की वेबसाइट माई रिपब्लिका पर छपी खबर के अनुसार, “पिछले 24 घंटे में इजरायल में नागरिकों के खिलाफ हमास के हमले में कम से कम 10 नेपाली नागरिकों के मारे जाने की आशंका है। इजरायल में नेपाल के दूतावास ने आतंकी हमले में मारे गए और घायल हुए लोगों का प्रारंभिक विवरण विदेश मंत्रालय को भेज दिया है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अभी विवरण सत्यापित करना बाकी है। एमओएफए के संयुक्त सचिव शरद राज अरन ने कहा, हम तुरंत मारे गए और घायल लोगों का विवरण जारी करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि जिन क्षेत्रों में नेपाली नागरिकों के मारे जाने की बात कही गई है, वे अभी भी हमास समूह के नियंत्रण में हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि संगठन द्वारा बड़ी संख्या में नागरिकों का अपहरण कर लिया गया है। इजराइल में नेपाल दूतावास के हवाले से सूत्रों ने कहा कि हमले में जिन लोगों के मारे जाने की आशंका है, उनमें कैलाली के नारायण प्रसाद न्यूपाने, बझांग से गणेश कुमार नेपाली, कैलाली से आशीष चौधरी, दार्चुला से दीपेश राज बिस्ट और धनुषा से आनंद साह हैं। इसी तरह सुनसारी से राजेश कुमार स्वर्णकार, डोटी से राजन फुलारा, डोटी से पदम थापा, गोलाबारी में मारे गए लोगों में सल्यान के प्रबेश भंडारी और दार्चुला के लोकेंद्र सिंह धामी भी शामिल हैं।” ये नाम और पते लिस्ट में दिए गए नाम और पतों से मिलते-जुलते हैं।

15 अक्टूबर को इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, नेपाल सरकार ने कहा है कि इजरायल पर हमले के बाद हमास ने फार्म पर काम कर रहे एक नेपाली छात्र को बंधक बना लिया है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद से उसे ढूंढने के प्रयास जारी हैं। हमास ने पिछले शनिवार को इजराइल पर हमला कर दिया था। इसमें 10 नेपाली छात्र मारे गए थे, जबकि छह छात्रों को बचा लिया गया और एक लापता हो गया। 17 नेपाली छात्र ‘लर्न एंड अर्न’ योजना के तहत फार्म पर ट्रेनी के रूप में काम कर रहे थे।”

Nepali killed by hamas

इस बारे में अंतरराष्ट्रीय मामले देखने वाले दैनिक जागरण के पत्रकार जय प्रकाश रंजन का कहना है, “अभी तक हमास द्वारा किसी भी भारतीय को बंधक बनाए जाने की कोई सूचना नहीं है।

अंत में हमने नेपाल के नागरिकों की लिस्ट भारत का बताकर शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर के 800 फ्रेंड्स हैं और वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

इजरायल-हमास संघर्ष से जुड़ी अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

निष्कर्ष: इजरायल पर हमास के हमले में 10 नेपाली नागरिकों की मौत हो गई थी, जबकि एक को हमास ने बंधक बना लिया था। वायरल लिस्ट में दिए गए सभी नाम नेपाल के लोगों के हैं, भारत के नहीं। अभी तक किसी भी भारतीय को बंधक बनाए जाने की कोई सूचना नहीं है।

False
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