Fact Check: कुरान की आगजनी के मामले में रूस में सजा-ए-मौत का दावा फर्जी, पुतिन ने नहीं किया यह एलान

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि व्लादिमीर पुतिन ने कुरान को नुकसान पहुंचाने वालों को सजा-ए-मौत देने जैसा कोई एलान नहीं किया है, यह दावा पूरी तरफ फर्जी है।

Fact Check: कुरान की आगजनी के मामले में रूस में सजा-ए-मौत का दावा फर्जी, पुतिन ने नहीं किया यह एलान

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हवाले से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि रूस में क़ुरान को अगर किसी ने जलाने की कोशिश की तो उसे शरिया कानून के तहत सजा-ए- मौत की सजा सुनाई जायेगी। और यह एलान रूस के राष्ट्रपति विलादमीर पुतिन ने किया है।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि व्लादिमीर पुतिन ऐसा कोई एलान नहीं किया है और ना ही रूस में सजा-ए-मौत  जैसा कोई प्रावधान है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”Under Sharia law in Russia, those found guilty of burning the Quran will now be sentenced to death.”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने न्यूज़ सर्च किया। मिडिल ईस्ट मॉनिटर की वेबसाइट पर 14 जून 2023 को पब्लिश हुई न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ”रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि कुरान जलाने के दोषी पाए गए किसी भी व्यक्ति को रूस के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपनी सजा काटनी होगी।” यहाँ खबर को रूसी  न्यूज एजेंसी TASS के हवाले से लिखा गया है।

tass.ru की वेबसाइट पर 13 जून को दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘रूस के वोल्गोग्राड में कैथेड्रल मस्जिद के क्षेत्र में कुरान की आगजनी के लिए एक स्थानीय निवासी निकिता ज़ुरावेल को हिरासत में लिया गया था। ज़ुरावेल पर कला के भाग 2 के तहत अपराध करने का संदेह है।” वहीं, इस मामले पर पुतिन ने कहा,  ”चेचन्या की जांच समिति को कुरान की आगजनी के मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है। और अपराधी को उसकी सजा काटने के लिए मुस्लिम क्षेत्रों के  एक कॉलोनी में भेजा जाएगा।”

मॉस्को टाइम्स की खबर के मुताबिक, रूस ने 1996 में काउंसिल ऑफ यूरोप की सदस्यता की शर्त के रूप में मृत्युदंड के उपयोग पर रोक लगा दी थी, जो रूसी कानून में निहित है।

tass की वेबसाइट पर 7  दिसंबर 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, ”यूरोप की परिषद से रूस के विड्रॉल पर  भी सजा के रूप में मृत्युदंड पर रोक वर्तमान में रूस में प्रभावी है।

वायरल पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने रूस के पत्रकार डैनी आर्मस्ट्रॉन्ग से सम्पर्क किया और उन्होने तफ्सील देते हुए बताया, ”रूस में कहीं शरिया कानून लागू  नहीं है और ना ही पुतिन ने ऐसी कोई घोषणा की है। पिछले दिनों क़ुरान को नुकसान  पहुंचने से जुड़ा एक मामला हुआ था, जिसमें उस व्यक्ति को मुस्लिम बहुल आबादी के डिटेंशन कैंप में रहने की सजा सुनाई गई है।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और फेसबुक पर उसके 4.9 हजार दोस्त हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि व्लादिमीर पुतिन ने कुरान को नुकसान पहुंचाने वालों को सजा-ए-मौत देने जैसा कोई एलान नहीं किया है, यह दावा पूरी तरफ फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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