Fact Check: बांग्लादेश में गणेश पूजा पर बैन लगाए जाने का दावा FAKE, अंतरिम सरकार ने नहीं लिया ऐसा कोई फैसला

बांग्लादेश में गणेश पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगाए जाने का दावा गलत है। वहां की अंतरिम सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। साथ ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक अशांति फैलाने वाले लोगों को आगाह करते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। बताते चलें कि बांग्लादेश में सियासी अस्थिरता के दौरान पूर्व सत्तारुढ़ पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ वहां रहने वाली अल्पसंख्यक आबादी विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र भी चिंता जाहिर कर चुका है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बांग्लादेश में सियासी अस्थिरता के दौरान पूर्व सत्तारुढ़ पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ वहां रहने वाली अल्पसंख्यक आबादी विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आईं। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस  ने चटगांव में गणेश पूजा समारोह को प्रतिबंधित कर दिया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गणेश पूजा को प्रतिबंधित करने जैसा कोई फैसला नहीं लिया है। वहां की स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिंदू समुदाय से पूरे उत्साह के साथ उनके धार्मिक त्योहार को मनाए जाने की अपील करते हुए उन्हें आश्वासन दिया है कि किसी को भी उनके मंदिरों को नुकसान पहुंचाए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Vipul Khatri’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के चटगांव में गणेश पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया है।”

सोशल मीडिया पर फेक दावे के साथ वायरल पोस्ट।

कई अन्य यूजर्स ने भी इसे समान संदर्भ में शेयर किया है।

पड़ताल

चूंकि वायरल पोस्ट में बांग्लादेश के चटगांव में गणेश पूजा पर प्रतिबंध लगाए जाने का जिक्र है, इसलिए इसकी जांच के लिए हमने न्यूज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें ऐसी कोई  रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ऐसे किसी फैसले का जिक्र हो। हालांकि, हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें बांग्लादेशी न्यूज रिपोर्ट के हवाले से हिंदुओं के त्योहार के दौरान दंगा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का जिक्र है।

‘द हिंदू’ की वेबसाइट पर आठ सितंबर 2024 को प्रकाशित न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में द ढाका ट्रिब्यून के हवाले से बताया गया है, “बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ने दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक दंगा फैलाने की कोशिश करने वालों को चेतावनी दी है।”

रिपोर्ट में कहा गया है, “बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस  ने  हिंदू समुदाय के लोगों से पूरे जोश और उत्साह के साथ उनका त्योहार मनाए जाने की अपील की है। साथ ही उन्हें यह आश्वासन दिया गया है कि किसी को भी उनके मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

न्यूज सर्च में एशियानेट न्यूज.कॉम की सात सितंबर 2024 की रिपोर्ट मिली, जिसमें बांग्लादेश के चटगांव में गणेश चतुर्थी समारोह से पहले भगवान गणेश की मूर्ति ले जा रहे हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला किया गया था। इसके बाद हिंदू समुदाय के लोगों ने इस हिंसक घटना का विरोध करते हुए सुरक्षा की मांग की।

रिपोर्ट के मुताबिक, “घटना के बाद कदम मुबारक एरिया में भारी मात्रा में पुलिस बल को तैनात किया गया और फिर सुरक्षा बलों ने घर-घर जाकर तलाशी ली, जहां से हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला हुआ था। हालांकि, इस बात की कोई सूचना नहीं है कि इस मामले में किसी को गिरफ्तार किया गया या नहीं।” रिपोर्ट के मुताबिक, “इस हमले से कुछ दिनों पहले ही खुलना शहर के सोनाडांगा रिहायाशी इलाके में ईशनिंदा के आरोप में हिंदू युवक उत्सव मंडल की मॉब लिचिंग कर दी गई थी।”

सर्च के दौरान हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें गणेश पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगाए जाने का जिक्र हो। वायरल दावे को लेकर हमने बांग्लादेश के फैक्ट चेकर तनवीर माहताब से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “इस घटना में कोई सच्चाई नहीं है।”

न्यूज सर्च में ढाका ट्रिब्यून.कॉम की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें घरेलू मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी के बयान का जिक्र है। चौधरी ने देश में धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “पूजा समितियों से अजान और नमाज के दौरान म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की आवाज को बंद करने का आग्रह किया गया है।”

इस निर्देश को लेकर हमने बांग्लादेश के कई फैक्ट चेकर्स से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया, “यह बांग्लादेश में होता रहा है, ताकि त्योहारों के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द्र की स्थिति को बनाए रखा जा सके।”

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 37 हजार लोग फॉलो करते हैं। बांग्लादेश से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: बांग्लादेश में गणेश पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगाए जाने का दावा गलत है। वहां की अंतरिम सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। साथ ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक अशांति फैलाने वाले लोगों को आगाह करते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। बताते चलें कि बांग्लादेश में सियासी अस्थिरता के दौरान पूर्व सत्तारुढ़ पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ वहां रहने वाली अल्पसंख्यक आबादी विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र भी चिंता जाहिर कर चुका है।

False
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