विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस तस्वीर के साथ वायरल की जा रही कहानी गलत है। गाजा के दीया अल-अदिनी नाम का यह नौजवान इजरायल के हमले में घायल हो गया था। हमास के आतंकी होने का दावा गलत और बेबुनियाद है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक नौजवान की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें नौजवान के हाथों को कटे और पट्टी से बंधे हुए देखा जा सकता है। तस्वीर को दुष्प्रचार की मंशा से शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं फोटो में हमास का मोहम्मद महरूफ नाम का आतंकी है, जिसने इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमला किया था, और अब इजरायल ने इसके दोनों हाथों काट कर उसे आपाहिज बना कर छोड़ दिया है।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस तस्वीर के साथ वायरल की जा रही कहानी गलत है। गाजा के दीया अल-अदिनी नाम का यह नौजवान इजरायल के हमले में घायल हो गया था। इसका हमास के आतंकी होने का दावा गलत और बेबुनियाद है।
फेसबुक यूजर ‘आनंद कुमार’ ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”येआतंकी फलस्तीन गाजा के हमास का आतंकवादी मोहम्मद_महरुफ है। ये उन आंतकियो में शामिल था जिन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल कि पीठ पर खंजर घोपते हुवे चुपके से हमला किया था। और ईसने यहूदी बच्चों की “बोटी-बोटी” काट कर उनके मांस को ओवन (भठ्ठी) में पका कर तो कुछ को जिंदा ही ओवन में रोस्ट करके खाया था कुछ को पूल में डालकर पेट्रोल डालकर आग लगा दिया था बहुत छोटे व मासूम बच्चे थे वो… आज इजराइल ने इसको निहत्था कर के जिंदा छोड़ दिया है… ईजराईल अपने दुश्मनो का यही हाल करता है।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले गूगल लेंस के जरिये वायरल फोटो को सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर 31 अगस्त को अपलोड हुई मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, अगस्त, 2024 को इजरायली सेना के हमले में फिलिस्तीनी नौजवान दीया अल-अदिनी ने अपने दोनों हाथ गंवा दिए।
इसी बुनियाद पर हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और हमें फोटो एजेंसी शटर स्टॉक और अलामी की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर अपलोड हुई मिली। यहां दी गई जानकरी में बताया गया कि दीया अल-अदिनी गाजा में रहने वाला नौजवान है, जो इजरायली हमले में जख्मी हो गया है। इस नौजवान के बारे में हमें यहां भी हमास से जुड़े होने का कोई जिक्र नहीं मिला। वहीं, इस तस्वीर को उमर अष्टावि ने खींचा हैं।
शटर स्टॉक और अलामी की वेबसाइट पर हमें इस नौजवान की और भी तस्वीरें मिली, जहां उसे अपने परिवार के साथ देखा जा सकता है।
28 अगस्त 2024 की अरब न्यूज़ की खबर में बताया गया, नौजवान दीया अल-अदिनी उन कुछ फिलिस्तीनियों में से एक हैं, जिन्हें इजरायली हमले में घायल होने के बाद एक कार्यरत अस्पताल मिला। लेकिन उनके हाथों को इतना नुकसान पहुंच चुका था कि डॉक्टरों द्वारा उसे काटना पड़ा। हालांकि, तभी इजरायली सेना ने हमास के खिलाफ़ युद्ध में हमले से पहले अस्पताल के लोगों को वहाँ से चले जाने का आदेश दिया। इन्हीं में 15 वर्षीय अदिनी भी में शामिल थे।
रॉयटर्स और टीआरटी वर्ल्ड की वेबसाइट पर भी हमें दीया अल-अदिनी से जुड़ी विस्तृत खबर मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक, संघर्ष के दौरान कई फिलिस्तीनी विस्थापित हो गए हैं। अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना विशेष रूप से अदिनी जैसे फिलिस्तीनियों के लिए बेहद मुश्किल है, जिन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है, लेकिन वे युद्ध की अराजकता में फंसे हुए हैं। इस खबर में भी हमें कहीं अदिनी के हमास से जुड़े होने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
फिलिस्तीन की न्यूज एजेंसी वफ़ा के यूट्यूब चैनल पर हमें अदिनी का वीडियो मिला, जिसमें उनके घर में बहन के साथ देखा जा सकता है। यहां भी कहीं हमास का अदिनी से जुड़े होने की कोई जानकारी नहीं मिली।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इंस्टाग्राम के जरिये अदिनी की तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर उमर अष्टावि से संपर्क साधा और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने हमें बताया कि अदिनी के बारे में किए जा रहे इन फर्जी दावों के बारे में उन्हें जानकारी है और यह बिल्कुल गलत दावे हैं। अदिनी गाजा के एक आम नागरिक हैं और उनका हमास से कोई सम्बन्ध नहीं है। उन्होंने हमें जानकारी के देते हुए यह भी बताया कि वह खुद अदिनी के घर भी जा चुके हैं।
अब बारी थी, फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘आनंद कुमार’ की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर की तरफ से विचारधारा विशेष से जुड़ी पोस्ट शेयर की जाती है, वहीं यूजर को 19 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस तस्वीर के साथ वायरल की जा रही कहानी गलत है। गाजा के दीया अल-अदिनी नाम का यह नौजवान इजरायल के हमले में घायल हो गया था। हमास के आतंकी होने का दावा गलत और बेबुनियाद है।
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