Fact Check : बच्चे के अपहरण का पाकिस्तान का पुराना वीडियो फिर से भारत का बताकर किया गया वायरल

यह वीडियो एक बार पहले भी हिंदुस्‍तान में वायरल हो चुका है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। वायरल वीडियो वाली घटना 2022 में हुई थी। इसका भारत से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक बार फिर से एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। 19 सेकंड के इस वीडियो में दो युवकों को एक बच्‍चे का अपहरण करते हुए बाइक से ले जाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को भारत का समझकर मदद की अपील कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। पता चला कि पाकिस्‍तान के 2022 के वीडियो को हिंदुस्‍तान का समझकर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स वायरल कर रहे हैं। यह वीडियो एक बार पहले भी हिंदुस्‍तान में वायरल हो चुका है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। वायरल वीडियो वाली घटना 2022 में हुई थी। इसका भारत से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सुनील सनातनी ने 20 जुलाई को 19 सेकंड के एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “इस वीडियो को आगे शेयर करें हो सकता है यह बच्चा मिल जाए और यह दोनों अपहरणकर्ता भी पकड़े जाए हम आ गए इस वीडियो को भेजते रहेंगे नेकी का काम है।”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे भारत की घटना समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद ली। इस टूल के माध्‍यम से वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले गए। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स टूल के जरिए खोजने का प्रयास किया गया । हमें हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की एक खबर मिली। 23 सितंबर 2022 को पब्लिश इस खबर में वायरल वीडियो के ग्रैब का इस्‍तेमाल करते हुए बताया गया कि महाराष्‍ट्र के विभिन्‍न जिलों में बच्‍चे की अपहरण की अफवाह उड़ी थी। जब पुलिस ने जांच की तो सच्‍चाई सामने आई। इस खबर को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल ओपन सर्च किया। हमें एक पाकिस्‍तानी ट्विटर हैंडल शेरी खान के अकाउंट पर वायरल तस्‍वीर मिली। 27 मई 2022 को ट्वीट करते हुए बताया गया कि इस बच्‍चे का पाकिस्‍तान के बहरिया टाउन से अपहरण किया गया था। तस्‍वीर में अल फजल मार्केट और बहरिया टाउन लिखा हुआ देखा जा सकता है।

इस ट्वीट के कमेंट बॉक्‍स में एक कमेंट में बताया गया कि बच्‍चा मिल गया है। इस तस्‍वीर को शेयर करना बंद कर दीजिए।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए संबंधित कीवर्ड के जरिए घटना से जुड़ी खबर को खोजना शुरू किया गया। हमें पाकिस्‍तान की वेबसाइट ‘ट्रिब्‍यून’ पर एक खबर मिली। 31 मई 2022 की इस खबर में अपहरण वाली तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए लिखा गया कि पाकिस्‍तान में बच्‍चे के अपहरण केस में दो लोगों को अरेस्‍ट किया गया था। बच्‍चे की सौतेली दादी ने पैसों के लिए यह करवाया था। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

पड़ताल के अगले चरण में पाकिस्‍तान में संपर्क किया गया। पाकिस्‍तान के पत्रकार काशिफ लतीफ ने विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में बताया कि वायरल वीडियो पाकिस्‍तान का ही है। यह एक पुरानी घटना से जुड़ी फुटेज है। इस केस में कई लोगों को अरेस्‍ट किया गया था।

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी इस वीडियो की जांच कर चुका है। पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर सुनील सनातनी के अकाउंट पर खास जानकारी नजर नहीं आई। इस अकाउंट से वायरल कंटेंट को काफी ज्‍यादा शेयर किया जाता है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पाकिस्‍तान में बच्‍चे के अपहरण से जुड़े फुटेज को कुछ लोग भारत का समझकर वायरल कर रहे हैं। पाकिस्‍तान में 2022 में यह घटना हुई थी।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट