विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि महिलाओं पर लाठीचार्ज के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो अफगानिस्तान का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का है और करीब पांच महीने पुराना है। जून में बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम की लाभार्थी महिलाएं किस्त लेने के लिए बाबरा हाई स्कूल पहुंची थी। इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए महिलाओं पर लाठीजार्च करना शुरू कर दिया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर महिलाओं पर लाठीचार्ज करते लोगों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो अफगानिस्तान का है, जहां पर तालिबान पाकिस्तान से वापस लौटने वाले लोगों के साथ इस तरह बर्बरता कर रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो अफगानिस्तान का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का है और करीब पांच महीने पुराना है। जून में बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम की लाभार्थी महिलाएं किश्त लेने के लिए बाबरा हाई स्कूल पहुंची थी। इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए महिलाओं पर लाठीजार्च करना शुरू कर दिया था।
फेसबुक यूजर वी कुमार गुप्ता ने 4 नवंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “पाकिस्तान से भगाए गए अफगान नागरिकों के साथ तालिबान ऐसा बर्बर व्यवहार कर रहा है। अब मुस्लिम देश चुप है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें यह वीडियो पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट ‘पाकिस्तान इकोनॉमी नेट’ के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर 20 जून को शेयर हुआ मिला। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो पाकिस्तान में हुए बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम’ का है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट मिनट मिरर की वेबसाइट पर 21 जून 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के चारसद्दा के बाबरा हाई स्कूल में महिलाएं अपनी बीआईएसपी (बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम) की किस्त लेने के लिए पहुंची थी। लेकिन वहां पर भीड़ इकट्ठा होने के कारण पुलिसकर्मियों ने महिलाओं पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया। वहां मौजूद महिलाओं का आरोप है कि वहां पर सही से इंतजाम नहीं किए गए थे, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने भी बदसलूकी करनी शुरू कर दी।
अन्य न्यूज रिपोर्ट को यहां पर देखा जा सकता है।
बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम की फेडरल मिनिस्टर शाजिया मर्री ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए 20 जून 2023 को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था, “किसी को भी महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इस घटना को लेकर कार्रवाई की जा रही है। अलफलह बैंक में कुछ तकनीकी समस्याएं चल रही हैं, जिसकी वजह से लाभार्थियों को असुविधा हुई है। इसका जल्द से जल्द समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है।”
अधिक जानकारी के लिए हमने पाकिस्तान के पत्रकार नैमत खान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम की किस्त लेने पहुंची महिलाओं का है। पुलिसकर्मियों ने महिलाओं पर लाठीचार्ज किया था। इस पर कार्रवाई की गई थी और कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। यूजर एक विचारधारा से जुड़ी हुई पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि महिलाओं पर लाठीचार्ज के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो अफगानिस्तान का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का है और करीब पांच महीने पुराना है। जून में बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम की लाभार्थी महिलाएं किस्त लेने के लिए बाबरा हाई स्कूल पहुंची थी। इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने भीड़ इकट्ठा होने के कारण महिलाओं पर लाठीजार्च करना शुरू कर दिया था। इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए महिलाओं पर लाठीजार्च करना शुरू कर दिया था।
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