Fact Check : बम विस्‍फोट के नाम पर वायरल हो रही है 15 साल पुरानी तस्‍वीर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया में कुछ पोस्‍ट वायरल हो रही हैं। इसमें कहा जा रहा है कि पाकिस्‍तान के कराची शहर की एक मस्जिद में टेस्‍ट के दौरान बम विस्‍फोट में 14 वैज्ञानिक मारे गए। विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि यह दावा झूठा है। कराची में 11 मार्च को कोई धमाका नहीं हुआ है। जिस तस्‍वीर का यूज किया जा रहा है, वह 2004 की है। इसी तरह जिस ट्विटर हैंडल @INA_Pakistan से यह ट्वीट किया गया है, वह भी एक पैरोडी हैंडल है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

The Fearless Indian नाम के फेसबुक पेज ने एक ट्वीट का स्‍क्रीनशॉट पोस्‍ट करते हुए आपत्तिजनक लाइनों का यूज किया। 11 मार्च को दोपहर करीब चार बजे पोस्‍ट किए गए इस स्‍क्रीनशॉट को अब तक 390 से ज्‍यादा लोग शेयर कर चुके हैं। यह फेसबुक और ट्विटर, दोनों जगह तेजी से फैला हुआ है।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने वायरल हो रहे फर्जी ट्वीट की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज के माध्‍यम से सर्च करने का फैसला किया। सबसे पहले हमने वायरल हो रहे ट्वीट में से तस्‍वीर क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज में खोजा। इससे हमें nbcnews.com का एक लिंक मिला।

गूगल रिवर्स इमेज से प्राप्‍त हुई 15 साल पुरानी खबर

इसकी खबर के मुताबिक, जुलाई 2004 में पाकिस्‍तान के कराची में एक मस्जिद में हुए बम विस्‍फोट में 14 लोग मारे गए थे। उस वक्‍त पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ थे।

15 साल पुरानी खबर के अनुसार, कराची में हुआ था बम विस्‍फोट

फिलहाल जिस तस्‍वीर को अभी के बम विस्‍फोट की बताकर शेयर किया जा रहा है, वह फोटो AFP-Getty Images की है। इसे आमिर कुरैशी नाम के फोटोग्राफर ने क्लिक की थी। इस तस्‍वीर को हमने Gettyimages.in पर सर्च करने के लिए इसकी वेबसाइट पर जाकर बम ब्‍लास्‍ट से जुड़े अलग-अलग कीवर्ड टाइप किए। आखिरकार हमें यह तस्‍वीर मिल ही गई। यह तस्‍वीर 2004 की ही निकली। ओरिजनल तस्‍वीर आप नीचे देख सकते हैं।

गेट्टी इमेज की वेबसाइट पर हमें दिखी ओरिजनल तस्‍वीर

जब हमें पता चल गया कि वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फर्जी है तो हम यह जानना चाह रहे थे कि आखिर जिसके नाम पर यह वायरल किया जा रहा है, उसकी सच्‍चाई क्‍या है? इसके लिए हम @INA_Pakistan के ट्विटर हैंडल पर गए। वहां हमें पता चला कि यह पाकिस्‍तान का एक पैरोडी ट्विटर हैंडल है। इसे 2018 की जुलाई में बनाया गया है, यहां कुछ भी पोस्‍ट किया जाता है। इस ट्विटर हैंडल को 1630 लोग फॉलो करते हैं। इसमें भारतीय न्‍यूज एजेंसी ANI के नाम को उलटकर INA कर दिया गया है। इतना ही नहीं, प्रोफाइल तस्‍वीर में भी ANI के माइक वाली असली तस्‍वीर को पलटकर यूज किया गया है।

INA पाकिस्‍तान का एक पैरोडी अकाउंट है

इसके बाद विश्‍वास टीम The Fearless Indian के फेसबुक पेज @TheFearlessIndian.in पर गई। वहां हमने StalkScan की मदद से पेज की प्रोफाइल चेक की। इस पेज को छह लाख से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यहां अधिकांश पोस्‍ट कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के खिलाफ ही होती है।

वायरल पोस्‍ट फैलाने वाला फेसबुक पेज

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में हमें पता चला कि पाकिस्‍तान के एक पैरोडी ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई फोटो और सूचना फेक है। जिसे कुछ लोग सच मानकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर रहे हैं। जिस तस्‍वीर का यूज किया जा रहा है, वह आज से 15 साल पहले हुए एक बम ब्‍लास्‍ट की है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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