Fact Check: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कोविड -19 वैक्सीन के बारे में नहीं दिया यह बयान, वायरल दावा फर्जी है

Vishvas News की जांच में यह दावा फर्जी निकला। पाकिस्तान के अख़बार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के पूर्व संपादक ने इन दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि पीएम खान ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बयान में कहा है कि अगर पाकिस्तान कोरोना वैक्सीन विकसित करता है, तो वह इसे इज़राइल या भारत को कभी नहीं देगा।

Vishvas News की जांच में यह दावा फर्जी निकला। पाकिस्तान के अख़बार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के पूर्व संपादक ने इन दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि पीएम खान ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

18 दिसंबर को पोस्ट किए गए एक ट्वीट में कहा गया है, “अगर पाकिस्तान कोरोना वैक्सीन विकसित करता है, तो हम इसे इजरायल या भारत को नहीं देंगे- पाक पीएम इमरान खान ने कहा।”

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

पड़ताल

हमने इंटरनेट पर ढूंढा। हमें पाकिस्तान द्वारा कोविड -19 वैक्सीन खरीदने के लिए आवंटित राशि को बढ़ाकर $ 250 मिलियन करने और विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करने की तो कई खबरें मिलीं, मगर कहीं भी देश में वैक्सीन विकसित करने के बारे में कोई खबर नहीं मिली। ना ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की वायरल दावे जैसी कोई टिप्पणी हमें किसी ऑथेंटिक मीडिया पोर्टल पर मिली।

21 दिसंबर को पाकिस्तानी अख़बार डॉन में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, “15,000 वॉलेंटियर्स को चीनी कोविड -19 वैक्सीन लगायी जा चुकी है। इसका क्लिनिकल ट्रायल इसी महीने के भीतर शुरू होने की उम्मीद है और इसके साथ ही एक और वैक्सीन का परीक्षण शुरू करने की तैयारी भी शुरू हो जाएगी।” यहाँ किसी भी स्थानीय रूप से विकसित वैक्सीन का कोई ज़िक्र नहीं मिला।

विश्वास न्यूज़ ने दावे की पुष्टि करने के लिए पाकिस्तान में एक अंग्रेजी भाषा के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के पूर्व संपादक, वलीद तारिक से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “वायरल दावा फर्जी है। मैंने कोरोनोवायरस वैक्सीन पर पीएम इमरान खान का ऐसा कोई बयान नहीं सुना। पाकिस्तान द्वारा कोविड -19 वैक्सीन विकसित करने की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। वैक्सीन की खरीद के लिए पाकिस्तान प्राधिकरण दवा कंपनियों के साथ-साथ चीन के साथ भी बातचीत कर रहा है।”

पोस्ट को साझा करने वाले ट्विटर यूजर की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि ट्विटर पर उनके 1,868 फ़ॉलोअर्स हैं और वे यहाँ जून 2017 से सक्रिय हैं।

निष्कर्ष: Vishvas News की जांच में यह दावा फर्जी निकला। पाकिस्तान के अख़बार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के पूर्व संपादक ने इन दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि पीएम खान ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है।

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