वायरल वीडियो इटली का नहीं है। यह वीडियो 1 साल पुराना है जब एक रागी जत्थे ने कनाडा के एक ओल्ड एज होम में कीर्तन किया था।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से जोड़ कई फ़र्ज़ी वीडियो और तस्वीरों को वायरल किया गया है। इसी तरह एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कुछ बुज़ुर्ग लोगों को गुरबाणी कीर्तन सुनते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो इटली का है जहां कोरोना वायरस के मरीज गुरबाणी सुन रहे हैं।
विश्वास टीम ने इस दावे की पड़ताल में पाया कि यह वीडियो इटली का नहीं है। वीडियो में कीर्तन कर रहे रागी ने विश्वास टीम के साथ बात करते हुए बताया कि यह वीडियो पिछले साल अप्रैल का है जब वह एक ओल्ड एज होम में कीर्तन करने गए थे।
फेसबुक पेज Kaur Sister’s ने 30 मार्च 2020 को एक वीडियो शेयर किया जिसमें कुछ बुज़ुर्ग लोगों को गुरबाणी कीर्तन सुनते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा: “ਇਟਲੀ ਦੇ hospital ਵਿੱਚ ਕੀਰਤਨ ਸੁਣਦੇ ਹੋਏ ਮਰੀਜ਼” (इटली के हॉस्पिटल में कीर्तन सुनते हुए मरीज)
वीडियो में लिखा हुआ है: इटली के हॉस्पिटल में गुरबाणी कीर्तन सुनते हुए कोरोना वायरस के मरीज
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न।
पड़ताल को शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में दिख रहे लोगों में किसी ने भी ना तो हाथों में दस्ताने पहने हुए हैं और ना ही किसी ने मुँह पर मास्क लगाया हुआ है। वीडियो में सारे लोग एक दूसरे के नज़दीक बैठे हुए हैं जबकि कोरोना वायरस के मरीज़ इस तरह एक दूसरे के नज़दीक नहीं बैठते हैं। कीर्तन करने वाले रागी भी बिना मास्क लगाकर बैठे हुए हैं और उन्होंने भी दस्ताने नहीं पहने हुए हैं।
बात साफ हो रही थी कि यह वीडियो कोरोना वायरस संक्रमित मरीज़ों की नहीं है। वीडियो में रागी “कृपा करो दीन के दाते” शब्द गा रहे हैं और इस अनुसार अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने कीवर्ड सर्च का सहारा लिया। हमने “कृपा करो दीन के दाते+बुज़ुर्ग+कीर्तन”(पंजाबी से हिंदी अनुवाद) जैसे कई कीवर्ड का सहारा लिया। हमें हजूरी रागी भाई कंवलदीप सिंह के फेसबुक अकाउंट पर यह वीडियो मिला। यह वीडियो 29 मार्च 2020 को सुबह 7 बजे के करीब अपलोड किया गया था। वीडियो के साथ कैप्शन लिखा गया: Guru ramdas ji kirpa karo
कंवलदीप सिंह की प्रोफ़ाइल को स्कैन करने पर पता चला कि कई दूसरे यूज़र ने यह वीडियो कंवलदीप को टैग करते हुए धन्यवाद किया है।
अब हमने भाई कंवलदीप सिंह से संपर्क किया। कंवलदीप ने विश्वास टीम के साथ बात करते हुए बताया, “यह वीडियो एक साल पुराना है। यह पिछले साल अप्रैल का है जब हमने कनाडा के एक ओल्ड एज होम में कीर्तन किया था। इस वीडियो का कोरोना वायरस से कोई सबंध नहीं है। किसी शरारती तत्व ने इस वीडियो को कोरोना वायरस के नाम से वायरल करदिया। मैंने यह वीडियो 29 मार्च को अपने अकाउंट से शेयर किया था।”
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कई सारे यूज़र शेयर कर रहे हैं और इन्हीं में से एक है Kaur Sister’s नाम का फेसबुक पेज। यह पेज पंजाब से जुडी खबरों को ज़्यादा शेयर करता है।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं, और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
निष्कर्ष: वायरल वीडियो इटली का नहीं है। यह वीडियो 1 साल पुराना है जब एक रागी जत्थे ने कनाडा के एक ओल्ड एज होम में कीर्तन किया था।
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