इजरायल के तेल अवीव में मार्च 2023 में ज्यूडिशियल रिफॉर्म को लेकर बड़ा प्रदर्शन हुआ था। उस विरोध-प्रदर्शन के वीडियो और हालिया संघर्ष में इजरायल के बंधकों को छुड़ाने की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के वीडियो को जोड़कर वायरल क्लिप को बनाया गया है। इसे शेयर कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान सोशल मीडिया पर कई वीडियो और फोटो शेयर की जा रही हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में इनमें से कई फर्जी और भ्रामक भी निकली हैं। अब 45 सेकंड का एक वीडियो वायरल कर दावा किया जा रहा है कि इजरायल की जनता अपने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को हत्यारा बता रही है। लोग युद्ध के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। वीडियो की शुरुआत में दिख रहा है कि काफी संख्या में लोग एक जगह पर जमा हैं, जबकि बाद में एक रिपोर्टर को वहां की स्थिति के बारे में बताते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि वायरल वीडियो दो क्लिप्स को मिलाकर बना है। इसका जनसैलाब वाला पहला हिस्सा करीब सात महीने पुराना है, जब लाखों की संख्या में लोगों ने सरकार के ज्यूडिशियल रिफॉर्म का विरोध किया था। वहीं, वायरल वीडियो का दूसरा हिस्सा इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान का है, जिसमें लोग हमास द्वारा बंधक बनाए गए परिजनों को छुड़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।
वेरिफाइड एक्स यूजर ‘सूर्य प्रताप सिंह आईएएस रिटायर्ड’ ने 15 अक्टूबर को वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
“इज़राइल की जनता ख़ुद अपने PM नेतन्याहू को हत्यारा बता रही है, युद्ध के विरोध में सड़कों पर उतरी है
..और इधर भारत में अनपढ़ अंधभक्त नेतन्याहू के लिए मरे पड़े हैं, समर्थन में रैली निकाल रहे हैं।
इसे मूर्खता कहेंगे या नफ़रती टुच्चापन?”
फेसबुक यूजर ‘Mohd Rehan‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 15 अक्टूबर को वीडियो पोस्ट करते हुए समान दावा किया है।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले एक्स यूजर सूर्य प्रताप सिंह की पोस्ट को ध्यान से देखा। इसमें कुछ यूजर्स ने इस वीडियो को पुराना बताया है।
इस बारे में हमने कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया। सर्च में हमें द टेलीग्राफ के यूट्यूब चैनल पर 12 मार्च 2023 को अपलोड वीडियो न्यूज मिली। 1:18 मिनट के इस वीडियो में वायरल क्लिप का शुरुआती हिस्सा दिख रहा है। इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “न्यायपालिका में विवादास्पद बदलाव के विरोध में तेल अवीव में करीब पांच लाख प्रदर्शनकारी जमा हुए। इजरायली सरकार इस योजना को आगे बढ़ा रही थी। करीब दो माह से अधिक समय से नियमित तौर पर इस तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं।” वीडियो का टाइटल है, Israel’s ‘biggest ever’ protests as Netanyahu govt persists with reforms (नेतन्याहू सरकार के सुधारों पर अड़े रहने पर इजरायल का ‘अब तक का सबसे बड़ा’ विरोध प्रदर्शन)।
वायरल क्लिप के शुरुआती हिस्से और द टेलीग्राफ के वीडियो को देखने से साफ पता चल रहा है कि दोनों ही क्लिप एक ही हैं। मतलब वायरल क्लिप का शुरुआती हिस्सा पुराना है।
इसके बाद हमने वायरल क्लिप के दूसरे हिस्से की जांच की। एबीसी न्यूज की वेबसाइट पर 14 अक्टूबर को अपलोड वीडियो में दूसरे हिस्से को देखा जा सकता है। इसमें बताया गया है कि तेल अवीव में आईडीएफ हेडक्वार्टर्स के बाहर लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। वे हमास द्वारा बंधक बनाए गए अपने परिजनों को छुड़ाने की मांग कर रहे हैं।
याहू की वेबसाइट पर 14 अक्टूबर को पब्लिश वीडियो न्यूज में वायरल क्लिप के दूसरे हिस्से को साफ देखा जा सकता है।
इस बारे में हमने इजरायल के फैक्ट चेकर यूरिआ बार मेर से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उन्होंने कहा, “इसका शुरुआती हिस्सा संघर्ष से पहले हुए उस प्रदर्शन का है, जो न्यायपालिका में बदलाव के खिलाफ था। यहां इजरायल के बंधकों को छुड़ाए जाने को लेकर कुछ प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन इतने बड़े नहीं हैं, जितना शुरुआती हिस्से में दिख रहा है। हालांकि, मुझे यह नहीं पता कि रिपोर्टर का वीडियो कब का है।“
अंत में हमने भ्रामक दावा करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। सितंबर 2014 से एक्स से जुड़े यूजर के 8 लाख 79 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। बायो के अनुसार, यूजर रिटायर आईएएस हैं।
निष्कर्ष: इजरायल के तेल अवीव में मार्च 2023 में ज्यूडिशियल रिफॉर्म को लेकर बड़ा प्रदर्शन हुआ था। उस विरोध-प्रदर्शन के वीडियो और हालिया संघर्ष में इजरायल के बंधकों को छुड़ाने की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के वीडियो को जोड़कर वायरल क्लिप को बनाया गया है। इसे शेयर कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
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