Fact Check: तबाह इलाके में अजान देने का यह मंजर मोरक्को में आये भूकंप के बाद का नहीं, पुराना है वीडियो

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो का हाल ही में मोरक्को में आए भूकंप से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो 2017 से सीरिया और इराक का बताते हुए इंटरनेट पर मौजूद है।

Fact Check: तबाह इलाके में अजान देने का यह मंजर मोरक्को में आये भूकंप के बाद का नहीं, पुराना है वीडियो

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मोरक्को में आए भयानक भूकंप के परिणामस्वरूप 2800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस संदर्भ में सोशल मीडिया यूजर विभिन्न प्लेटफार्म्स पर एक वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें एक व्यक्ति को खंडहर नुमा इमारत पर खड़े होकर अजान देते हुए सुना जा सकता है। आसपास का का मंजर विनाशकारी नजर आ रहा है। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह मोरक्को का वीडियो है, जहां इमाम ने भूकंप के बाद अजान दी है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो का हाल ही में मोरक्को में आए भूकंप से कोई लेना-देना नहीं है। इंटरनेट पर यह वीडियो इराक और सीरिया के हवाले से 2017 से मौजूद है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

एक फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “मोरक्को में भूकंप के कारण मस्जिद शहीद हो गई लेकिन 5 वक्त की अज़ान अभी भी जारी है। #मोरक्को।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। सर्च में हमें ‘शोबिज पाकिस्तान’ नाम के फेसबुक पेज पर 1 मार्च 2018 को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ये वीडियो सीरिया में हाल ही हुई एयर स्ट्राइक के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि, ये पुराना वीडियो है।

टाइम टूल की मदद से अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने मार्च 2018 से पहले इस वीडियो को ढूंढना शुरू किया। सर्च में हमें यह वीडियो 27 जून 2017 को एक यूट्यूब चैनल पर सीरिया के हवाले से अपलोड हुआ मिला।

आगे की पड़ताल में हमें यह वीडियो शेख मोहम्मद असलम के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर 27 जून 2017 को शेयर हुआ मिला। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ”युद्धग्रस्त सीरिया में एक बूढ़ा आदमी टूटी हुई मस्जिद में अज़ान दे रहा है। वे हमसे सब कुछ छीन सकते हैं, लेकिन हमारा विश्वास नहीं छीन सकते।”

 इस वीडियो को ‘डॉ. अब्दुल रहमान अल-अशमावी’ नाम के वेरिफाइड एक्स (ट्विटर) हैंडल पर 16 जुलाई 2017 को भी अपलोड किया गया है। यहां कैप्शन में इसे इराक का बताया गया।  

रिपोर्टों के अनुसार, मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 2,000 से अधिक है, जबकि बचाव दल मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

वायरल वीडियो कब और कहां का है, इसकी पुष्टि विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से नहीं करता है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो 2017 से सोशल मीडिया पर है और इसका हाल ही में मोरक्को में आए भूकंप से कोई लेना-देना नहीं है। “मोरक्को वर्ल्ड न्यूज़” की पत्रकार सफ़ा क़सरवी ने भ्रामक ख़बरों के बारे में बात करते हुए हमें बताया कि, ”मोरक्को भूंकप के बाद ऐसी कई भ्रामक तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं, इन मल्टी मीडिया की पुष्टि किये बिना सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचना चाहिए।

भ्रामक पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यह पेज पाकिस्तान से चलाया जाता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो का हाल ही में मोरक्को में आए भूकंप से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो 2017 से सीरिया और इराक का बताते हुए इंटरनेट पर मौजूद है।

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