विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित नहीं है। यह वीडियो 2004 इराक का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में सैनिकों को भारी गोलीबारी के बीच एक बिल्डिंग में जाते देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो रूस-यूक्रेन युद्ध का है। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित नहीं है। यह वीडियो 2004 इराक का है।
फेसबुक यूजर ‘Murtaza naqvi’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”#share #Russian army and ukrine army fighting fresh….” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “रूसी सेना और यूक्रेन की सेना के बीच ताजा लड़ाई…”
वायरल हो रहे वीडियो को पूरा देखने पर अंत में लिखा आता है “Task Force Viper & The 36th Commando Bn Killed 4 enemy, captured 25 enemy and secured the Shrine intact” कीवर्ड सर्च करने पर हमें पता चला कि 36वीं कमांडो बटालियन इराकी विशेष अभियान इकाइयों में से एक है और वाईपर टास्क फोर्स अमेरिकी फोर्स की टुकड़ी है।
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को कीवर्ड्स के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इस वीडियो का लम्बा वर्जन “FUNKER530 – Veteran Community & Combat Footage” नाम के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 29 अगस्त , 2020 को अपलोडेड मिला। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था “Historical US Special Forces Raid On Golden Mosque”
हमें इस वीडियो का लम्बा संस्करण Combat Footage नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी मार्च 25, 2021 को अपलोडेड मिला। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “US and Iraqi Special Forces Raid On Golden Mosque | October 1st, 2004. | Samarra, Iraq.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “अमेरिका और इराकी विशेष बलों ने स्वर्ण मस्जिद पर छापा मारा। 1 अक्टूबर 2004।समारा, इराक।” वीडियो के साथ डिटेल्ड डिस्क्रिप्शन में लिखा था “During the Battle for Samarra, also know as Operation Baton Rouge. US Special Forces and the 36th Iraqi Commando Battalion were in this assault. 25 Iraqi insurgents were captured and 4 were killed in this raid.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “समारा की लड़ाई को ऑपरेशन बैटन रूज के रूप में भी जाना जाता है। इस हमले में अमेरिकी विशेष बल और 36वीं इराकी कमांडो बटालियन शामिल थे। इसमें 25 इराकी विद्रोहियों को पकड़ लिया गया था और 4 मारे गए थे।”
यहाँ से हमें क्लू मिला कि यह घटना 2004 की हो सकती है। कीवर्ड्स के साथ ढूंढ़ने पर हमें theguardian.com के वॉर लॉग में गोल्डन मॉस्क (स्वर्ण मस्जिद) पर हुए इस ऑपरेशन के डिटेल्स भी मिले। इसके अनुसार यह घटना 2004 की है।
हमें इस मामले में 2004 की एक खबर latimes.com पर भी मिली।
नीचे दिए गए कोलाज में आप वायरल तस्वीर में दिख रही इमारत और इराक की गोल्डन मॉस्क (स्वर्ण मस्जिद) में समानता देख सकते हैं।
हमने इस विषय में यूक्रेन के फैक्ट चेकर् रुस्लान डेनिचेंको से संपर्क साधा। रुस्लान ने बताया कि वीडियो पुराना है और इसका हालिया संघर्ष से कोई लेना देना नहीं है।
वायरल पोस्ट को “Murtaza naqvi” (मुर्तजा नकवी) नाम के फेसबुक यूजर ने शेयर किया है। यूजर के 7,728 फ़ॉलोअर्स हैं।
डिस्क्लेमर: इस खबर को एक्सपर्ट कोट आने के बाद अपडेट किया गया है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित नहीं है। यह वीडियो 2004 इराक का है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।