Fact Check: जर्मनी में यह भीड़ कोरोना वायरस के चलते घबराहट में खरीददारी नहीं कर रही, 2011 का वीडियो गलत सन्दर्भ में वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो असल में 2011 का है जब इस सुपरमार्केट ने कम्प्यूटरों और मोबाइल फोनों की सेल चलाई थी। यह वीडियो अभी का नहीं है, और इसका कोरोना वायरस से भी कुछ लेना देना नहीं है।

विश्वास न्यूज़( नयी दिल्ली)। कोरोना वायरस के खतरे से जहां एक ओर पूरी दुनिया घबराई हुई है, वहीं दूसरी ओर कोरोना से जुड़ी फेक खबरें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। ऐसे में 15 सेकंड का यूट्यूब क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें भीड़ को एक शॉपिंग स्टोर के बहार देखा जा सकता है। वीडियो में यह भीड़ स्टोर के बहार खड़ी है और स्टोर खुलते ही अंदर टूट पड़ती है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जर्मनी का है जहां कोरोना वायरस के डर के चलते लोग सुपरमार्केट में सामान खरीदने के लिए टूट पड़े हैं।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो असल में 2011 का है जब इस सुपरमार्केट ने कम्प्यूटर और मोबाइल फोन की सेल चलाई थी। यह वीडियो हाल का नहीं है और इसका कोरोना वायरस से भी कुछ लेना-देना नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

वायरल वीडियो में भीड़ को एक स्टोर के बाहर देखा जा सकता है। वीडियो में यह भीड़ स्टोर के बाहर खड़ी है और स्टोर खुलते ही उस पर टूट पड़ती है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जर्मनी का है जहां कोरोना वायरस के डर के चलते लोग सुपरमार्केट में सामान खरीदने के लिए टूट पड़े हैं। वीडियो के साथ टाइटल में लिखा है “#coronavirus fears in Germany results in large crowds outside supermarket #COVID19 #COVID2019” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “जर्मनी में कोरोनोवायरस के डर से सुपरमार्केट के बाहर भारी भीड़ #COVID19 #COVID2019.”

पड़ताल

इस वीडियो में सुपरमार्केट के बहार ALDI लिखा देखा जा सकता है। हमने गूगल पर ढूंढा तो पाया कि ALDI एक जर्मन सुपरमार्केट श्रृंखला है, जिसके 20 से अधिक देशों में स्टोर्स हैं।

अब यह तो साफ़ था कि यह भीड़ सुपरमार्केट में ही घुस रही है। पर अब हमें पता करना था कि यह वीडियो कब का है और कहां का है। हमने इस पोस्ट की जांच करने के लिए इस वीडियो को InVid टूल पर डाला और इसके कीफ्रेम्स निकाले। जब हमने इन कीफ्रेम्स को यांडेक्स रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो हमें steveway1988 नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 30 जनवरी, 2011 को अपलोडेड एक 10 मिनट का वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो के अंशों को भी देखा जा सकता है। इस वीडियो के टाइटल में लिखा था, “30 जनवरी, 2011 को कील में सिटी-पार्क मॉल के ALDI में विभिन्न विद्युत वस्तुओं की विशेष सेल हुई।।”

https://www.youtube.com/watch?v=FiAObiBeXr4

हमे ऐसा ही एक वीडियो netsrot2011 नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 31 जनवरी, 2011 को अपलोडेड मिला। इसमें भी वायरल वीडियो के अंशों को देखा जा सकता है और इसमें डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “30.01.2011 को कील में ALDI में कम्प्यूटर, सेल फोन, प्रिंटर आदि की विशेष सेल।”

हमने पुष्टि के लिए कील में सिटी-पार्क मॉल के ALDI स्टोर में कॉल किया, जहां हमारी बात स्टोर मैनेजर जैसन हार्ट से हुई। जैसन ने हमसे बात करते हुए कन्फर्म किया, “यह वीडियो 30 जनवरी, 2011 का है जब कील में सिटी-पार्क मॉल के ALDI स्टोर में एक सेल लगी थी। यह वीडियो अभी का नहीं है।” जब हमने उनसे अभी के हालत के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “लोग बहुत कॉन्शियस हैं और जागरूक भी। यहां भीड़ एकत्रित नहीं हो रही है और लोग इकट्ठा होने से बच रहे हैं।”

इस वीडियो को World Alerts नाम के एक यूट्यूब पेज ने 29 फरवरी, 2020 को शेयर किया था। इस वीडियो को अभी तक 908 लोगों ने देखा है। चैनल के अबाउट अस सेक्शन के अनुसार, इस यूट्यूब चैनल को पाकिस्तान से चलाया जाता है।

विश्वास न्यूज़ ने कोरोना वायरस को लेकर और भी कई फैक्ट चेक किये हैं। इनमें से कुछ आप नीचे पढ़ सकते हैं।

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो असल में 2011 का है जब इस सुपरमार्केट ने कम्प्यूटरों और मोबाइल फोनों की सेल चलाई थी। यह वीडियो अभी का नहीं है, और इसका कोरोना वायरस से भी कुछ लेना देना नहीं है।

False
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