विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। पेशावर ब्लास्ट के नाम पर जिस तस्वीर को अब वायरल किया जा रहा है, वह 2004 में कराची में हुए एक बम विस्फोट की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मार्च की शुरुआत में पाकिस्तान के पेशावर की एक शिया मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान हुए बम विस्फोट के बाद से ही सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। अब एक तस्वीर को भ्रामक तरीक से वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर पेशावर में हुए बम विस्फोट की है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि पेशावर बम विस्फोट के नाम पर जिस तस्वीर को वायरल किया जा रहा है, वह काफी पुरानी है। 2004 में एक मस्जिद में हुए बम विस्फोट की इस तस्वीर को लोग पेशावर के नाम पर वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
फेसबुक यूजर मोहम्मद बिन नइम ने 4 मार्च को एक तस्वीर को पोस्ट करते हुए दावा किया : ‘Atleast 30 People killed and more than 50 injured in a bomb explosion during Friday prayers at mosque in Peshawar, Pakistan.’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आकाईव्ड वर्जन को यहां देखें। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत गूगल रिवर्स इमेज टूल से की। सबसे पहले वायरल तस्वीर को इस टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। वायरल तस्वीर हमें एनबीसी न्यूज की वेबसाइट पर मिली। 7 मई 2004 को अपलोड एक खबर में इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए बताया गया कि पाकिस्तान के कराची में एक मस्जिद में बम ब्लास्ट में 14 लोग मारे गए, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। पूरी खबर यहां पढ़ें। उस पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुर्शरफ थे। फोटो के सोर्स में बताया गया कि इसे एएफपी-गेट्टी इमेज के लिए आमिर कुरैशी ने खींचा था।
गूगल सर्च के दौरान हमें जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि पाकिस्तान के पेशावर की एक शिया मस्जिद में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान हुए भीषण आत्मघाती बम विस्फोट में 57 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। अमेरिका ने इस हमले की निंदा करते हुए पीडि़तों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। डान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एक बचाव अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी शहर के किस्सा ख्वानी बाजार स्थित जामिया मस्जिद बम धमाके के दौरान खचाखच भरी हुई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने पाकिस्तान 92 के पत्रकार आरिफ महमूद से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर पुरानी है। इसका पेशावर की मस्जिद में हुए ब्लास्ट से संबंध नहीं है।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने पुरानी तस्वीर को अब के ब्लास्ट से जोड़ते हुए वायरल करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। पता चला कि फेसबुक यूजर मोहम्मद बिन नइम बांग्लादेश के ढाका में रहते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। पेशावर ब्लास्ट के नाम पर जिस तस्वीर को अब वायरल किया जा रहा है, वह 2004 में कराची में हुए एक बम विस्फोट की है।
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