Fact Check: काबा में बर्फबारी का एडिटेड वीडियो हो रहा फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि काबा में बर्फबारी का यह वीडियो एडिटेड है। बारिश के वीडियो में ऐसे फ़िल्टर का इस्तेमाल किया गया है, जिससे वह बर्फ़बारी नजर आ रही है।

Fact Check: काबा में बर्फबारी का एडिटेड वीडियो हो रहा फर्जी दावे के साथ वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। इस साल कुछ जगहों पर रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी हो रही है और इसी कड़ी में मक्का की मस्जिद हरम का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में लोगों को काबा के इर्द-गिर्द देखा जा सकता है और वीडियो में कथित तौर पर बर्फ़बारी होती हुई नज़र आ रही है। काबा में दिखाई दे रही बर्फ़बारी को असल समझते हुए लोग शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि काबा में बर्फबारी का यह वीडियो एडिटेड है। बारिश के वीडियो में ऐसे फ़िल्टर का इस्तेमाल किया गया है, जिससे वह बर्फ़बारी नजर आ रही है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”माशा अल्लाह मक्का खाना ऐ काबा में बर्फबारी। मेरे अल्लाह की कुदरत का निजाम की रेगिस्तान में बर्फबारी।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए हमने सबसे पहले न्यूज़ सर्च किया। सर्च में हमें खलीज टाइम्स की 1 जनवरी 2023 की एक खबर मिली। खबर में दी गई जानकारी के मुताबिक,“मक्का की ग्रैंड मस्जिद में भारी बर्फबारी का एक वीडियो क्लिप हाल ही में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है। हालांकि, सऊदी अरब के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (एनसीएम) ने कहा है कि वीडियो फर्जी है।”

1 जनवरी 2023 को इसी वीडियो का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए‘Haramain Sharifain’ के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट में बताया गया है, “राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार को एक बयान में कहा कि मक्का की मस्जिद अल हरम में बर्फबारी दिखाते हुए सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही वीडियो क्लिप फर्जी है।”

Haramain Sharifain की वेबसाइट पर भी इसी मामले से जुड़ी खबर मिली। यहाँ खबर में दी गई जानकारी की मुताबिक,“सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसको‘हरम में बर्फ़बारी’ का बताते हुए फैलाया जा रहा है, जबकि दोनों ही पवित्र मस्जिदों में बर्फ़बारी नहीं होती है। बारिश के वीडियो में फ़िल्टर का इस्तेमाल किया गया है, जिसे लोग गलती से बर्फ़बारी समझ रहे हैं।”

वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने सऊदी अरब के अलवतन के सीनियर पत्रकार सऊद हाफिज से संपर्क किया और वीडियो उनके साथ साझा किया। उन्होंने हमें बताया,“यह वीडियो फर्जी है, इसमें सफ़ेद फ़िल्टर लगाया गया है, जिससे बारिश बर्फ़बारी प्रतीत हो रही है। सऊदी सरकार ने कहा है कि अगर कोई भी इस तरह की अफवाहों को फैलाएगा तो उसे जुर्माना देना पड़ सकता है और जेल भी हो सकती है।”

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर राजस्थान का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि काबा में बर्फबारी का यह वीडियो एडिटेड है। बारिश के वीडियो में ऐसे फ़िल्टर का इस्तेमाल किया गया है, जिससे वह बर्फ़बारी नजर आ रही है।

False
Symbols that define nature of fake news
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