Fact Check: जर्मनी का फिंगरप्रिंट गांव नहीं, बल्कि 3D डिजिटल फोटो है यह वायरल तस्वीर

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह एक 3D ग्राफ़िक फोटो है, जिसको सच समझते हुए लोग शेयर कर रहे हैं।

Fact Check:  जर्मनी का फिंगरप्रिंट गांव नहीं, बल्कि 3D डिजिटल फोटो है यह वायरल तस्वीर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें फिंगरप्रिंट जैसी नज़र आने वाली आकृति को देखा जा सकता है। यूजर फोटो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर जर्मनी के एक गांव की है, जिसकी एरियल इमेज फिंगरप्रिंट के जैसी नज़र आती है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। यह एक 3D ग्राफ़िक फोटो है, जिसको सच समझते हुए लोग शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट ?

फेसबुक यूजर ने वायरल फोटो को शेयर करते हुए लिखा, ‘Finger Print Village. Germany”.

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें यह वायरल तस्वीर peakpx.com नाम की एक वेबसाइट पर मिली। वेबसाइट पर ‘The human touch, 3d, YIPPIEHEY, digitalart, illustration’ जैसे कीवर्ड्स फोटो के साथ नज़र आये।

आगे पड़ताल में हमें ‘itsnicethat.com’ नाम की वेबसाइट मिली। यहाँ आर्टिस्ट यिपिहि के काम और उनके ज़रिये बनाई गयी कुछ तस्वीरें दी हुई मिली, इसमें वायरल तस्वीर भी देखी जा सकती है। यहाँ तस्वीर के साथ लिखा था, ‘MODUS February 2015 Cover”.

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने आर्टिस्ट YIPPIEHEY को इंस्टाग्राम पर सर्च किया और हमें 12 फरवरी 2015 को शेयर की हुई एक पोस्ट लगी, जिसमें मैगज़ीन के कवर पेज पर इस तस्वीर को देखा जा सकता है। फोटो के साथ कैप्शन में लिखा है, ‘Finally its out. The cover illustration I created for Modus magazine showing a fingerprint shaped city. Will publish the full project on my soon to be published all new website. Stay tuned. #3d #cgi #city #googelemaps #editorial’.

विश्वास न्यूज़ ने इस फोटो के क्रिएटर YIPPIEHEY से ट्विटर के ज़रिये संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया कि यह उनके द्वारा बनाई गयी सीजीआई यानी कम्प्यूटर जनरेटेड इमेज है।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज को फरवरी 2021 में बनाया गया है। इस पेज से ज़्यादा पोस्ट शेयर नहीं की जाती हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह एक 3D ग्राफ़िक फोटो है, जिसको सच समझते हुए लोग शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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