Fact Check: इजरायल ने भारत को नहीं दी नोटों पर ‘कश्मीर भारत का है’ लिखऩे की सलाह, फर्जी दावा वायरल

इजरायल ने भारत को अपने नोटों पर ‘कश्मीर भारत का है’ लिखने की सलाह नहीं दी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला है। हालांकि, इजरायल ने बीते सालों में कश्मीर मुद्दे पर भारत के स्टैंड का समर्थऩ किया है, लेकिन कश्मीर को लेकर नोटों पर प्रिंट करने की ऐसी कोई सलाह उनकी तरफ से भारत को नहीं दी गई है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर कश्मीर, इजरायल, भारत और पाकिस्तान को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इजरायल ने भारत को सलाह दी है कि वह नोटों पर ‘कश्मीर भारत का है’ प्रिंट कराए। दावा किया जा रहा है कि अगर भारत ने इजरायल की इस सलाह पर अमल किया, तो पाकिस्तान कभी भी जाली भारतीय नोट छापने की हिम्मत नहीं करेगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा झूठा निकला है। हालांकि, इजरायल ने बीते सालों में कश्मीर मुद्दे पर भारत के स्टैंड का समर्थऩ किया है, लेकिन कश्मीर को लेकर नोटों पर प्रिंट करने की ऐसी कोई सलाह उनकी तरफ से भारत को नहीं दी गई है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर राकेश कुमार तिवारी ने 13 जून 2021 को एक तस्वीर पोस्ट की है। इस तस्वीर पर अंग्रेजी में लिखा है, ‘इजरायल की तरफ से भारत को दी गई एक अहम सलाह – ‘कश्मीर भारत का है’, यह लाइन भारत के सभी न्ए नोटों पर प्रिंट की जानी चाहिए और पाकिस्तान फिर कभी जाली भारतीय नोट छापने की हिम्मत नहीं कर सकेगा’ इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले गूगल पर ओपन सर्च की मदद से अपनी पड़ताल की शुरुआत की। भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मसला लंबे समय से विवाद की वजह रहा है। इस मसले पर आने वाली कोई भी टिप्पणी, खासकर अगर दूसरे देशों की टिप्पणी हो, तो वह काफी तवज्जो बंटोरती है और प्रामाणिक मीडिया हाउस इसे रिपोर्ट करते हैं। हमने इंटरनेट पर सर्च कर यह जानना चाहा कि क्या कश्मीर के मामले को लेकर इजरायल ने वायरल दावे के मुताबिक कोई टिप्पणी की है या नहीं।

हमें ऐसी कोई प्रामाणिक मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे इस बात की पुष्टि होती हो कि इजरायल ने भारत से नोटों की छपाई में कश्मीर का जिक्र करने को कहा है। हमने इंटरनेट पर जरूरी कीवर्ड्स (Israel on Kashmir issue) की मदद से सर्च किया। हमें 19 अगस्त 2017 को टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख मिला। इस रिपोर्ट में इजरायल के हवाले से बताया गया है कि इजरायल किसी भी परिस्थिति में कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा। इजरायल भी कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानता है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इजरायल लंबे समय से कश्मीर पर भारत के पक्ष का समर्थन करता रहा है। हालांकि, हमने गूगल पर सर्च टूल में एक साल का टाइम फ्रेम सेट कर भी पड़ताल की, लेकिन हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो। आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर लंबे समय से विवाद की वजह बना हुआ है। भारत का आधिकारिक स्टैंड है, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारत की एकता और अखंडता से कोई समझौता नहीं हो सकता।’ भारत हमेशा से अपने और पाकिस्तान के बीच के किसी भी मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के विरोध में है और इसे द्विपक्षीय तरीके से सुलझाए जाने की वकालत करता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को इंटरनेशनल अफेयर्स जर्नलिस्ट और मिडिल ईस्ट मामलों के एक्सपर्ट सौरभ शाही संग शेयर किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए इस वायरल दावे को गलत बताया। सौरभ ने हमें बताया, ‘इजरायल कश्मीर मामले पर भारत के रुख का समर्थन करता है, लेकिन ऐसा कोई बयान आधिकारिक रूप से इजरायल की तरफ से नहीं आया है। ये पूरी तरह फर्जी है।’

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर राकेश कुमार तिवारी की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल अगस्त 2016 में बनाई गई है और यूजर यूपी के प्रयागराज के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: इजरायल ने भारत को अपने नोटों पर ‘कश्मीर भारत का है’ लिखने की सलाह नहीं दी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला है। हालांकि, इजरायल ने बीते सालों में कश्मीर मुद्दे पर भारत के स्टैंड का समर्थऩ किया है, लेकिन कश्मीर को लेकर नोटों पर प्रिंट करने की ऐसी कोई सलाह उनकी तरफ से भारत को नहीं दी गई है।

False
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