Fact Check: भारतीय मुस्लिमों के बारे में फिलिस्तीन के नाम से फर्जी पोस्ट हो रही शेयर

इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान स्टेट ऑफ पैलेस्टिन के नाम से वायरल स्क्रीनशॉट फेक है। स्टेट ऑफ पैलेस्टिन के असली एक्स हैंडल पर ग्रे चेक मार्क है।

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान फिलिस्तीन के आधिकारिक एक्स हैंडल के नाम से एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है। इसमें भारतीय मुस्लिमों के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं। स्क्रीनशॉट को शेयर कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि फिलिस्तीन का समर्थन करने वालों को जोरदार जवाब दिया गया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि फिलिस्तीन के आधिकारिक एक्स अकाउंट से ऐसी कोई पोस्ट नहीं की गई है। वायरल स्क्रीनशॉट फेक है। दरअसल, एक्स हैंडल स्टेट ऑफ पैलेस्टिन पर ग्रे टिक है, जबकि वायरल स्क्रीनशॉट पर ब्लू टिक दिख रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कुछ यूजर्स ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

फेसबुक यूजर ‘जुगल किशोर‘ (आर्काइव लिंक) ने 17 अक्टूबर को स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा,

“भारत में रहकर फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले शांतिदूत मुसलमानों को फिलिस्तीन ने जोरदार तमाचा मारा है।”

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वायरल स्क्रीनशॉट को ध्यान से देखा। इस पर ब्लू टिक मार्क है। इसमें अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है। इससे इस पोस्ट के संदिग्ध होने का शक होता है।  

इसके बाद हमने स्टेट ऑफ पैलेस्टिन के आधिकारिक एक्स अकाउंट को स्कैन किया। इस पर ग्रे टिक लगा हुआ है। इसके बायो में लिखा है, Official Twitter of the Mission to the United Nations।

इस अकाउंट पर हमें ऐसी कोई पोस्ट नहीं मिली, जो वायरल दावे से मिलती-जुलती हो। असली अकाउंट की पोस्ट और वायरल स्क्रीनशॉट को देखने पर फर्क साफ देखा जा सकता है। वायरल स्क्रीनशॉट में ब्लू टिक है, जबकि असली अकाउंट पर ग्रे टिक लगा है। दोनों के फॉन्ट साइज भी अलग-अलग हैं।

इस बारे में हमने इजरायल के फैक्ट चेकर यूरिआ बार मेर से संपर्क कर उनको वायरल स्क्रीनशॉट भेजा। उनका कहना है, “स्टेट ऑफ पैलेस्टिन के आधिकारिक एक्स हैंडल पर ग्रे टिक है। वायरल स्क्रीनशॉट असली अकाउंट का नहीं है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी गई जानकारी के अनुसार, “ब्लू चेकमार्क का मतलब है कि अकाउंट के पास एक्स प्रीमियम की सक्रिय सदस्यता है और वह हमारी पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करता है। ये अकाउंट किसी व्यक्ति या संगठन का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। गोल्ड चेकमार्क बताता है कि अकाउंट एक ऑफिशियल ऑर्गेनाइजेशन है, जिसकी पुष्टि वेरिफाइड संगठनों के माध्यम से की जा चुकी है। वहीं, ग्रे चेकमार्क दर्शाता है कि यह अकाउंट एक सरकारी/बहुपक्षीय संगठन (जैसे- यूएन) या एक सरकारी/बहुपक्षीय अधिकारी का है।”

अंत में हमने फेक स्क्रीनशॉट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। वह कोलकाता में रहते हैं और उनके करीब 5 हजार फ्रेंड्स हैं। वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

इससे पहले भी इजरायल-हमास संघर्ष से जुड़ी कुछ फर्जी और भ्रामक दावे वायरल हुए हैं। विश्‍वास न्‍यूज की फैक्ट चेक मीडिया रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान स्टेट ऑफ पैलेस्टिन के नाम से वायरल स्क्रीनशॉट फेक है। स्टेट ऑफ पैलेस्टिन के असली एक्स हैंडल पर ग्रे चेक मार्क है।

False
Symbols that define nature of fake news
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