रूस के कजान में हालिया संपन्न ब्रिक्स देशों की बैठक में ब्रिक्स समूह के लिए साझा मुद्रा या करेंसी को लॉन्च किए जाने का दावा फेक है। ब्रिक्स देशों की कोई साझा मुद्रा नहीं है। इस दावे के साथ जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह प्रतीकात्मक तस्वीर है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रूस के कजान में हालिया संपन्न ब्रिक्स समूह की बैठक के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इस सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ब्रिक्स देशों की आधिकारिक मुद्रा के तौर पर “ब्रिक्स करेंसी” को लॉन्च कर दिया। इस दावे के साथ एक करेंसी की तस्वीर को भी शेयर किया जा रहा है, जिस पर ब्रिक्स के संस्थापक देशों का झंडा नजर आ रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल तस्वीर एक संकेतात्मक या प्रतीकात्मक तस्वीर है, जिसे ब्रिक्स बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सामने रखा था। ब्रिक्स देशों ने आधिकारिक रूप से किसी संयुक्त करेंसी को जारी नहीं किया है। ब्रिक्स देशों की कोई साझा मुद्रा नहीं है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Shahab Husain Khan’ ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ब्रिक्स समिट में ऑफ्फिसियली ब्रिक्स करेंसी ” बैंकनोट ” का अनावरण किया, इस नई करेंसी के साथ दुनिया में बहुत कुछ तेज़ी के साथ बदल जाएगा!!*डॉलर के तो लौए लगना तैय है।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक) ने इस नोट की तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में नोट की तस्वीर को साझा किया गया है। इस नोट के संदर्भ की जांच के लिए हमने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया है और यह तस्वीर ‘द कैस्पियन पोस्ट’ के आधिकारिक एक्स हैंडल से शेयर किया हुआ पोस्ट मिला, जिसे 31 अक्टूबर 2024 को शेयर किया गया है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, “रूस ने पहला प्रतीकात्मक ब्रिक्स बैंकनोट लॉन्च किया। प्रिटोरिया में एक समारोह के दौरान सामने रखा गया यह 100 का नोट सदस्य देशों के बीच एकीकृत आर्थिक संबंधों को लेकर ब्रिक्स के विजन को सामने रखता है।”
ब्रिक्स न्यूज केआधिकारिक एक्स हैंडल पर भी हमें यह तस्वीर समान संदर्भ में लगी हुई मिली।
इसी आधार पर किए गए सर्च में हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इसका जिक्र है। फाइनेशियल एक्सप्रेस.कॉम की वेबसाइट पर प्रकाशित 25 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक, “रंगीन व प्रतीकात्मक ब्रिक्स बैंकनोट के साथ व्लादिमीर पुतिन की एक तस्वीर ने नई करेंसी के बारे में अटकलों को हवा दी, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हो गया है कि यह ब्रिक्स बैठक की आधिकारिक स्थिति नहीं है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, “पुतिन ने जिस नोट (बिल) को पकड़ा हुआ हुआ था, उस पर ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के झंडे थे और इससे यह लगा कि ब्रिक्स ने आधिकारिक तौर पर अपनी संयुक्त करेंसी को लॉन्च कर दिया है। हालांकि, अधिकारियों ने तुरंत इस अटकलों को दूर किया।”
ब्रिक्स अधिकारियों ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन से पुष्टि करते हुए बताया,” “राष्ट्रपति पुतिन के पास जो नोट था, वह कजान शिखर सम्मेलन में उत्साही लोगों द्वारा उन्हें प्रस्तुत किए गए ब्रिक्स बिल या नोट का प्रतीकात्मक रूप है, न कि आधिकारिक तौर पर अपनाए गए ब्रिक्स करेंसी की तस्वीर।”
गौरतलब है कि रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन 22-24 अक्टूबर के बीच हुआ था, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। हमने ब्रिक्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कजान घोषणापत्र को भी चेक किया, जिसमें समानता आधारित वैश्विक विकास और सुरक्षा की स्थिति को हासिल करने के लिए मल्टीलैटरलिज्म को मजबूत किए जाने का जिक्र है। इस घोषणापत्र में न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के स्थानीय मुद्रा में प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग का जिक्र है, लेकिन कहीं भी ब्रिक्स देशों की संयुक्त मुद्रा को लॉन्च किए जाने का जिक्र नहीं है।
भारत सरकार की केंद्रीय नोडल एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने भी इस दावे का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि ब्रिक्स देशों की कोई साझा मुद्रा या करेंसी नहीं है। वायरल दावे को लेकर हमने बिजनेस स्टैंडर्ड के डिप्टी न्यूज एडिटर नीलकमल सुंदरम से संपर्क किया और उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि ब्रिक्स देशों की कोई साझा मुद्रा नहीं है और न ही हालिया ब्रिक्स सम्मेलन में ऐसी किसी करेंसी को लॉन्च किया गया है।
वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब छह हजार लोग फॉलो करते हैं।
राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय व अर्थव्यवस्था और बिजनेस से संबंधित अन्य एक्सप्लेनर रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के एक्सप्लेनर सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: रूस के कजान में हालिया संपन्न ब्रिक्स देशों की बैठक में ब्रिक्स समूह के लिए साझा मुद्रा या करेंसी को लॉन्च किए जाने का दावा फेक है। ब्रिक्स देशों की कोई साझा मुद्रा नहीं है। इस दावे के साथ जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह प्रतीकात्मक तस्वीर है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।