Fact Check : बीबीसी के चार साल पुराने वीडियो की एक क्लिप चंद्रयान-3 से जोड़ते हुए वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ।

Fact Check : बीबीसी के चार साल पुराने वीडियो की एक क्लिप चंद्रयान-3 से जोड़ते हुए वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी हिस्‍से पर लैंडिंग के बाद से ही सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रकार के भ्रामक और फर्जी वीडियो और तस्‍वीरें वायरल हो रही हैं। बीबीसी के 12 सेकंड के एक वीडियो क्लिप को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि बीबीसी ने चंद्रयान-3 पर सवाल उठाया है। इसमें बीबीसी न्‍यूज के एंकर को यह पूछते हुए देखा जा सकता है कि इंडिया में जहां 700 मिलियन लोगों के पास आज भी शौचालय की सुविधा नहीं है। क्या वहां स्पेस प्रोग्राम में इतना पैसा खर्चा करना चाहिए।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। 2019 की वीडियो की एक क्लिप को एडिट करके चंद्रयान-3 के नाम से वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

एक्‍स हैंडल @whimsicalfeed ने 23 अगस्‍त को एक क्लिप को पोस्‍ट करते हुए अंग्रेजी में दावा किया, ‘Check this video What BBC had to say about #Chandrayaan_3’

पोस्‍ट में आगे लिखा गया, ‘Should India which lacks in Infrastructure and has extreme poverty, Should they be spending this much amount of money on a space program-BBC’

वायरल पोस्‍ट को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल इनविड की मदद ली। इस टूल की मदद से वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया। असली वीडियो हमें विदेश टीवी नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 22 जुलाई 2019 को अपलोड करते हुए चंद्रयान -2 के वक्‍त का बताया गया।

पड़ताल के दौरान बीबीसी के वरिष्‍ठ पत्रकार मुकेश शर्मा के एक्‍स अकाउंट पर हमें एक पोस्‍ट मिली। 24 अगस्‍त की इस पोस्‍ट में वीडियो क्लिप को पुराना बताते हुए बीबीसी की एक फैक्‍ट चेक रिपोर्ट शेयर की गई।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने बीबीसी न्‍यूज के प्रेस टीम के एक्‍स अकाउंट को स्‍कैन किया। यहां हमें 24 अगस्‍त की एक पोस्‍ट मिली। इसमें बताया गया कि वायरल क्लिप 2019 की है।


पड़ताल के अगले चरण में विश्वास न्यूज ने बीबीसी के पत्रकार मुकेश शर्मा से संपर्क किया । उन्‍होंने भी वायरल वीडियो को पुराना बताया।
अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले एक्‍स हैंडल की जांच की गई। एक्‍स हैंडल @whimsicalfeed को अगस्‍त 2018 में बनाया गया था।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट गलत साबित हुई। बीबीसी के चार साल पुराने वीडियो क्लिप को चंद्रयान-3 की लैंडिंग से जोड़ते हुए वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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