विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम है। शख्स का नाम मोहम्मद बाबुल हवलदार है। उनका बेट साल 2013 से लापता है उसकी जानकारी हासिल करने के लिए शख्स विरोध प्रदर्शन कर रहा था। इसी वीडियो को अब सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली(विश्वास न्यूज)। रोड पर बैठकर रोते हुए शख्स का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को बांग्लादेश के हालातों से जोड़ते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बुजुर्ग शख्स वहां के हिंदू समुदाय से है और अपने लापता बेटे के बारे में पता करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम है। शख्स का नाम मोहम्मद बाबुल हवलदार है। उनका बेट साल 2013 से लापता है उसकीजानकारी हासिल करने के लिए शख्स विरोध प्रदर्शन कर रहा था। इसी वीडियो को अब सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘राज्य 24 न्यूज’ ने 14 अगस्त 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बांग्लादेश: अपने लापता बेटे के पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे ..बांग्लादेश: अपने लापता बेटे के पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हिंदू समुदाय के एक शख्स की पीड़ा “मैं अपनी जान दे दूंगा लेकिन मुझे अपने बच्चे के लिए न्याय चाहिए. मेरा बच्चा कहां है? मैं अपने बच्चे के बारे में जानने के लिए घर-घर जा रहा हूं. लेकिन कोई मेरी बात नहीं सुन रहा है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन बांग्लादेश के आधिकारिक यूट्यूब चैनल समकाल न्यूज पर मिला। वीडियो को 13 अगस्त 2023 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, शख्स का नाम मोहम्मद बाबुल हवलदार है और वो अपने परिवार वालों के साथ मिलकर अपने लापता बेटे के लिए प्रदर्शन कर रहा था।
हमें इस प्रदर्शन का एक अन्य वीडियो वार्ता 24 नामक एक बांग्लादेशी यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो में 2.04 मिनट पर शख्स को कहते हुए सुना जा सकता है कि मेरे बेटे का नाम मोहम्मद सन्नी हवलदार है और मेरा नाम मोहम्मद बाबुल हवलदार है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट प्रोथोमालो पर मिली। रिपोर्ट को 14 अगस्त 2024 को प्रकाशित किया गया था। बंगाली भाषा में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, शख्स के परिजन के साथ ही इसी तरह से लापता हुए अन्य लोगों के परिजन इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचे।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट बांग्लादेश के पत्रकार शोहानूर रहमान के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिली। पोस्ट को 13 अगस्त 2024 को अपलोड किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, शख्स हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय से है। शख्स का नाम मोहम्मद बाबुल हवलदार है। इनका बेटा साल 2013 से लापता है। ये उसी को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसका बांग्लादेश के हालिया हालातों से कोई संबंध नहीं है।
अधिक जानकारी के लिए हमने बांग्लादेश स्थित फैक्ट चेकिंग वेबसाइट रूमर स्कैनर के सह-संस्थापक मोहम्मद सकीजुमन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह शख्स मुस्लिम है और इनका बेटा 2013 से लापता है। उसी को लेकर यह प्रदर्शन कर रहे थे।
अंत में हमने पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को करीब चार सौ लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम है। शख्स का नाम मोहम्मद बाबुल हवलदार है। उनका बेट साल 2013 से लापता है उसकी जानकारी हासिल करने के लिए शख्स विरोध प्रदर्शन कर रहा था। इसी वीडियो को अब सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है।
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