Fact Check: बांग्लादेश के पुल की तस्वीर को भारत का बताकर किया जा रहा वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि टूटे पुल की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर का भारत से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल फोटो बांग्लादेश के बरगुना जिले की है, जिसे अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

Fact Check: बांग्लादेश के पुल की तस्वीर को भारत का बताकर किया जा रहा वायरल 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। बारिश के कारण रोड़ और ब्रिज टूटने की घटनाओं के बीच एक फोटो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में टूटे हुए एक ब्रिज को देखा जा सकता है। इसको भारत में हुई हालिया घटना का बताकर शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। तस्वीर का भारत से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल फोटो बांग्लादेश के बरगुना जिले की है, जिसे अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर कुलदीप दिवाकर ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “हमारी बराबरी क्या करेंगे चाइना वाले वहाँ काँच का पुल है और हमारे यहाँ जाली का।” 

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वायरल तस्वीर एक बांग्लादेशी फेसबुक पेज Follow Medeya पर मिली। तस्वीर को 27 जून 2024 को शेयर करते हुए बांग्लादेश का बताया गया है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट बांग्लादेशी वेबसाइट mzamin पर मिली। रिपोर्ट को 30 जून 2024 को प्रकाशित किया गया था। बंगाली भाषा में लिखी रिपोर्ट के अनुसार, वायरल ब्रिज की तस्वीर बांग्लादेश के बरगुना जिले की है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक अन्य रिपोर्ट बांग्लादेश की बीटीएस न्यूज की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 1 जुलाई 2024 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पुल बरगुना जिले के तेपुरा गांव के पास है और इस पुल की वजह से कई हादसे हो चुके हैं। यह पुल काफी खतरनाक स्थिति में है। जून के दौरान एक बस इस पुल के कारण बड़े हादसे का शिकार हो गई थी और नहर में जा गिरी थी, जिसकी वजह से करीब नौ लोगों की मौत हो गई थी।

kalerkantho की वेबसाइट पर एक जुलाई 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार,  साल 2004 में तेपुरा गांव के पास इस पुल को बनाया गया था। इस पुल को एलजीईडी फंड की मदद से बनाया गया था। साल 2019 में इस पुल की हालत खस्ता हो गई और इसमें कई दरारें पड़ गई। इसके बाद से ही इस पुल की हालत खराब है।

अधिक जानकारी के लिए हमने बांग्लादेश के प्रोबश टाइम्स के समाचार संपादक अराफात से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर बांग्लादेश के एक पुल की है। 

अंत में हमने पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि टूटे पुल की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर का भारत से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल फोटो बांग्लादेश के बरगुना जिले की है, जिसे अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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