Fact Check: अजीमपुर गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल गीतांजलि और ढाका यूनिवर्सिटी के डीन को लेकर गलत दावा वायरल
बांग्लादेश के अजीमपुर गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज में पेड़ से बंधी महिला की तस्वीर वहां की पूर्व छात्रा की है, प्रिंसिपल गीतांजलि बरुआ की नहीं। वहीं, ढाका विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन का नाम अब्दुल बशीर है। फोटो और वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Aug 23, 2024 at 05:02 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बांग्लादेश में चल रहे उथल-पुथल के बीच सोशल मीडिया पर भी दो पोस्ट शेयर की जा रही हैं। इनमें से एक पोस्ट में तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अजीमपुर गवर्नमेंट स्कूल में कट्टरपंथियों ने प्रिंसिपल गीतांजलि बरुआ को इस्तीफा नहीं देने पर पेड़ से बांध दिया। तस्वीर में एक महिला को पेड़ से बंधे हुए दिखाया गया है और उन्हें छात्राओं ने घेरा हुआ है। वहीं, एक अन्य पोस्ट में वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ढाका के कॉलेज में हिंदू डीन से जबरदस्ती इस्तीफा लिया जा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि एक शख्स को कई लोग घेरे हुआ हैं और वहां मौजूद युवक इस्लामिक प्रार्थना कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि दोनों पोस्ट गलत दावे के साथ शेयर की जा रही हैं। दरअसल, अजीमपुर गवर्नमेंट स्कूल में छात्राओं ने पूर्व छात्रा को पेड़ से बांधा था, न कि प्रिंसिपल गीतांजलि बरुआ को। वहीं, ढाका यूनिवर्सिटी के डीन का नाम अब्दुल बशीर है।
क्या है वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर ‘प्रभाकर स्वाभिमानी‘ ने 22 अगस्त को एक महिला की पेड़ से बंधे हुए तस्वीर शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
“बांग्लादेश से खबर
हिंदुओं पर अत्याचार का सिलसिला जारी
हिंदू प्रोफेसर, शिक्षक और डॉक्टरों आदि से जबरन कट्टरपंथी लिखवा रहे सरकारी सेवा से त्यागपत्र !
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अज़ीमपुर में इंतेहा! गवर्नमेंट स्कूल की प्रिंसिपल गीतांजलि बरुआ को कट्टरपंथियों ने घेरा। बनाया सरकारी नौकरी से इस्तीफ़ा देने का दबाव। त्यागपत्र से इनकार पर पेड़ से बांधा !?”
फेसबुक यूजर Abhishek Gupta ने 20 अगस्त को वीडियो शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
“हिंदू-डीन से ढाका के कॉलेज में इस्तीफा माँगनें का कौमी तरीका… धन्यवाद कहते हैं डीन को जिंदा छोड़ दिया?
बकरी काटते वक़्त भी कुछ इसी तरह के लफ्जों का इस्तेमाल होता है ! पहली नजर में देखने से तर्जुमा कुछ ऐसा लगा… इस्तीफा देगा अथवा हळाल होगा?
इसी तरीके से बंगलादेश में हजारों नौकरी पेशा हिन्दुओं का इस्तीफा लिया जा रहा है! हिंदुओं की जगह अब वे ख़ास किस्म के लोगों को देंगे और उनकी बदौलत आसमानी एजेंडा चलाएंगे !
डीन के ओहदे पर अब शायद मौलाना ही होंगे?
तू घास चरेगा और विटामीन ईजाद करेगा… वो सारा विटामीन एक झटके में चट कर लेगा!“
पड़ताल
पहला दावा
वायरल दावों की जांच के लिए हमने पहली पोस्ट को चेक किया। वायरल तस्वीर को गूगल लेंस से चेक करने पर हमें फेसबुक यूजर Dhiraj Barman की पोस्ट मिली। 21 अगस्त को की गई इस पोस्ट में तस्वीर के साथ में कैप्शन में सुधार करते हुए लिखा गया है, “ढाका के मशहूर अजीमपुर गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की प्रिंसिपल गीतांजलि बरुआ के इस्तीफे की मांग को लेकर कुछ छात्राएं मैदान में उतर आईं। फोटो प्रिंसिपल की नहीं है। प्रिंसिपल के समर्थन में आई पूर्व छात्रा को लड़कियों ने पेड़ से बांध दिया। सेना ने आकर उसे छात्राओं से बचाया।”
बांग्ला कीवर्ड ‘আজিমপুর সরকারি বিদ্যালয়ের অধ্যক্ষ গীতাঞ্জলি বড়ুয়া মো’ से सर्च करने पर हमें Ajker Patrika यूट्यूब चैनल पर इससे संबंधित खबर मिली। इसमें उस घटना की कुछ तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें जानकारी दी गई है कि अजीमपुर गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की छात्राओं ने प्रिंसिपल समेत दो शिक्षकों से इस्तीफे की मांग की है। आरोपी टीचरों ने पूर्व स्टूडेंट्स को बुलाकर विरोध कर रही लड़कियों पर हमले की कोशिश की। इसके बाद प्रदर्शनकारी छात्राओं ने एक पूर्व छात्रा को पेड़ से बांध दिया। यूट्यूब पर अपलोड वीडियो के कीफ्रेम में वायरल फोटो में दिख रही छात्राओं को देखा जा सकता है।
अजीमपुर गवर्नमेंट स्कूल एंड कॉलेज की वेबसाइट पर प्रिंसिपल गीतांजलि की तस्वीर अपलोड है।
इस बारे में हमने बांग्लादेश के प्रोबश टाइम्स के समाचार संपादक अराफात से सपंर्क किया। उनका कहना है कि पेड़ से बांधी गई महिला अजीमपुर सरकारी स्कूल की पूर्व छात्रा थी। छात्राएं प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग कर रही थीं। इस बीच कुछ पूर्व छात्राएं प्रिंसिपल को बचाने के लिए आ गईं, तो प्रदर्शनकारियों ने उनमें से एक को पेड़ से बांध दिया था।
दूसरा दावा
दूसरी पोस्ट में दिए गए वीडियो का कीफ्रेम निकालकर गूगल लेंस की मदद से सर्च करने पर हमें एक्स यूजर Nznn Ahmed की पोस्ट मिली। 19 अगस्त को पोस्ट किए गए वीडियो के साथ में जानकारी दी गई है, “ढाका विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक बोटोला परिसर में रमजान के पवित्र महीने के दौरान कुरान पाठ के आयोजन के संबंध में, ढाका विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन अब्दुल बसीर ने अरबी विभाग के अध्यक्ष को एक पत्र भेजकर कुरान पाठ करने वालों और कार्यक्रम के आयोजकों की पहचान करने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। आज उनके इस्तीफे की पुष्टि के तुरंत बाद छात्रों ने उनके कार्यालय में कुरान पढ़ी।”
बांग्लादेश की वेबसाइट ढाका ट्रिब्यून पर इससे संबंधित खबर में लिखा है कि प्रोफेसर डॉ. अब्दुल बशीर ने ढाका विश्वविद्यालय (डीयू) में कला संकाय के डीन के पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले छात्र सुबह कला संकाय के सामने एकत्र हुए और प्रोफेसर बशीर के इस्तीफे की मांग की। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर बशीर छात्रों पर हमलों में शामिल थे और उन्होंने रमजान के दौरान परिसर में कुरान पाठ कार्यक्रम में शामिल होने वाले छात्रों को सजा देने की कोशिश की थी। इस्तीफे के बाद छात्रों ने कुरान पढ़ी।
वेबसाइट पर खबर में दी गई तस्वीर में वायरल वीडियो में दिख रहे कुछ छात्रों को देखा जा सकता है।
इस बारे में प्रोबश टाइम्स के समाचार संपादक अराफात ने कहा कि वीडियो में दिख रहे शख्स अब्दुल बशीर हैं, जो ढाका विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन हैं। प्रदर्शन के दौरान या उससे पहले भी वे आंदोलन के खिलाफ खड़े रहे थे। वह सरकार के बहुत करीब थे, इसलिए शेख हसीना के जाने के बाद छात्रों ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।
तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के 5 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
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निष्कर्ष: बांग्लादेश के अजीमपुर गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज में पेड़ से बंधी महिला की तस्वीर वहां की पूर्व छात्रा की है, प्रिंसिपल गीतांजलि बरुआ की नहीं। वहीं, ढाका विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन का नाम अब्दुल बशीर है। फोटो और वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- Claim Review : अजीमपुर गवर्नमेंट स्कूल में कट्टरपंथियों ने प्रिंसिपल गीतांजलि बरुआ को इस्तीफा नहीं देने पर पेड़ से बांध दिया।
- Claimed By : FB User- प्रभाकर स्वाभिमानी
- Fact Check : भ्रामक
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